लागत का दाम भी न मिलने से खफा किसानों ने लखनऊ में सड़कों पर फेंका आलू

लखनऊ। किसानों के हित की बड़ी-बड़ी बात करने वाली उत्तर प्रदेश सरकार के मुंह पर आज करारा तमाचा पड़ा है। किसानों ने प्रदेश की राजधानी लखनऊ की मुख्य सड़कों पर आलू फेंककर अपना आक्रोश जाहिर किया है। लागत का दाम भी न मिलने से खफा किसानों ने लखनऊ में सड़कों पर फेंका आलू

लखनऊ में आज पुलिस के साथ ही एलआइयू को भी खबर नहीं लगी। किसानों ने राजभवन के साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री के आवास तथा विधान भवन के सामने सड़क पर आलू फेंके। किसानों ने आज राजधानी की मुख्य सड़कों पर बड़ी मात्रा में आलू फेंककर आक्रोश जताया। राजधानी की सड़कों पर किसानों ने आज अपना कई क्विंटल आलू फेंका।

प्रदेश की मंडियों में प्रति किलो 3-4 रुपया भाव मिल रहा है। जिससे उनकी लागत तक नहीं निकल पा रही है। किसानों को मंडी में आलू का 4 रुपए का रेट मिल रहा है, जबकि यह लोग 10 रुपए प्रति किलो के हिसाब से आलू के रेट की मांग कर रहे हैं।

सुबह के वक्त सड़कों पर आलू मिलने के बाद से अफसरों में खलबली मची है। रात में गश्त करने का दावा करने वाली पुलिस और खुफिया विभाग का नेटवर्क भी रात में सोता रहा। इस दौरान जिला प्रशासन को भी किसानों के आलू फेंकने की जानकारी नहीं हो पाई। मामला सामने आने के बाद लखनऊ के एसएसपी दीपक कुमार ने कहा कि आलू फेंकने वालों किसानों और वाहनों की पहचान हो गई हैं। इन लोगों के खिलाफ उचित धाराओं के तहत केस दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी।

किसान सरकार से 10 रुपया प्रति किलो रेट की मांग कर रहे हैं। सड़कों पर बड़ी मात्रा में आलू बिखरा देख अफसरों ने उसको साफ करवाकर अपनी इज्जत बचाने का प्रयास किया है। जिला प्रशासन और नगर निगम के अफसर अपनी इज्जत बचाने के लिए आलू उठाते दिखे। इस बारे में भारतीय किसान यूनियन के हरनाम सिंह वर्मा ने कहा कि किसानों को लागत मूल्य नहीं मिल पा रहा है। अब वह इसको कहां रख पाएंगे। सरकार अपना वादा पूरा नहीं कर पा रही है। 

 
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