बार एसोसिएशन अध्यक्ष बोले, 2-3 दिन में निकल जाएगा समाधान

सुप्रीम कोर्ट में जजों के बीच हुए मतभेद को दूर करने की कोशिश में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के प्रतिनिधिमंडल ने सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस चेलामेश्वर से मुलाकात के बाद दो से तीन दिनों में समाधान निकलने की उम्मीद जताई है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि मतभेद जल्द सुलझ जाएंगे। शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले 4 वरिष्ठतम जजों में शामिल रहे जस्टिस गोगोई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में कोई संकट नहीं है।

जस्टिस चेलामेश्वर से मिलकर बार एसोसिएशन अध्यक्ष बोले, 2-3 दिन में निकल जाएगा समाधानबार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन मिश्रा ने कहा है कि, ‘हमें बताया गया है कि कोई संकट नहीं है। यह एक आंतरिक मसला है जिसका जल्द समाधान हो जाएगा। मुझे उम्मीद है कि 2-3 दिनों में समाधान ढूंढ लिया जाएगा।’  

जस्टिस कुरियन जोसेफ ने भी कहा है कि ने भी शनिवार को अपने पैतृक गांव में पत्रकारों से कहा था कि, ‘एक मुद्दे पर सबका ध्यान केंद्रित हुआ है। चूंकि इस पर ध्यान गया है तो निश्चित रूप से इसका हल निकलेगा।’ जस्टिस जोसेफ ने कहा कि न्यायाधीशों ने ‘न्यायपालिका में लोगों का विश्वास बढ़ाने के लिए ही यह कदम उठाया।’ 

दरअसल, शुक्रवार को देश के इतिहास में पहली बार हुआ जब सुप्रीम कोर्ट के चार मौजूदा न्यायाधीशों ने मीडिया के सामने अपनी बात रखी और कहा कि सब कुछ ठीक नहीं है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जस्टिस रंजन गोगई जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस चेलामेश्वर और जस्टिस मदन भीमराव मौजूद रहे, जिसमें उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा- न्यायपालिका में कुछ ठीक नहीं है और अगर ऐसा ही रहा तो लोकतंत्र नहीं चल सकता। जजों ने कहा- कल को कोई ऐसा न कह दे की हमने अपनी आत्मा बेच दी है।

जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा- हम नहीं चाहते कि हम पर कोई सवाल उठाए और न्यायपालिका की निष्ठा पर सवाल उठे। उन्होंने कहा कि हमने कई बार गड़बड़ियों को लेकर CJI से शिकायत की, लेकिन सब बेकार चला गया। किसी देश के लोकतंत्र के लिए जजों की स्वतंत्रता जरूरी है, इन हालात में तो लोकतंत्र सरवाइव नहीं कर पाएगा। उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने सीजेआई को चिट्ठी भी लिखी थी लेकिन उस पर कोई जवाब नहीं आया। जजों ने वह चिट्टी मीडिया में भी दिखाई।
 
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