मिशन 2019 के लिए बिहार में ग्राउंड लेवल से बात करेंगे अमित शाह

पटना। बिहार में राजग की सरकार बनने के बाद पहली बार पटना आ रहे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बापू सभागार में लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारियों का आगाज करेंगे। शाह के निर्देश पर 12 जुलाई को पहली बार ग्राउंड लेवल के कार्यकर्ताओं को बुलाया गया है। अमित शाह की बैठक में 10 हजार से अधिक शक्ति केंद्र प्रभारियों समेत प्रदेश से लेकर मंडल स्तर तक के करीब 12 हजार पदाधिकारियों को पटना तलब किया गया है।मिशन 2019 के लिए बिहार में ग्राउंड लेवल से बात करेंगे अमित शाह

बिहार भाजपा ने प्रदेश में संगठन की मजबूती के लिए पहली बार पंचायतों के अंदर शक्ति केंद्रों का गठन किया है। शाह के दौरे में कसौटी पर पार्टी के दस हजार शक्ति केंद्र होंगे। दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में पार्टी को जो हार मिली, उसके पीछे कमजोर ग्रामीण संगठन को दोष दिया गया था। उससे सबक लेकर अब मिशन 2019 के तहत बूथ, शक्ति केंद्र और पन्ना प्रमुखों को अहमियत दी जा रही है।

पार्टी के वरिष्ठ नेता मानते हैं कि  बिहार भाजपा के इतिहास में पहली बार पार्टी ने इतनी बड़ी संख्या में शक्ति केंद्र प्रभारियों को टिप्स देने के लिए राजधानी में बुलाया है। पार्टी का मानना है कि किसी भी चुनाव में जीत बूथ और शक्ति केंद्र स्तर पर सुनिश्चित होती है। भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि उत्तर प्रदेश, गुजरात, हिमाचल, त्रिपुरा और कर्नाटक फतह में शक्ति केंद्रों और बूथ कमेटियों की अहम भूमिका रही है।

पांच से सात बूथों को मिलाकर एक शक्ति केंद्र

भाजपा ने पंचायत के अंतर्गत आने वाले पांच से सात पोलिंग बूथ को मिलाकर एक शक्ति केंद्र बनाया है, जहां संयोजक, सह संयोजक को संगठन मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई है। शक्ति केंद्रों का सारा फोकस मतदान केंद्र स्तरीय है।

कौन-कौन बुलाए गए हैं

राष्ट्रीय अध्यक्ष की बैठक में विधायक, विधान पार्षद, सांसद, लोकसभा और विधानसभा चुनाव के पूर्व प्रत्याशी, पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी, मंच, मोर्चा, प्रकोष्ठ के संयोजक, विभागों के प्रभारी, जिलाध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष और शक्ति केंद्र प्रभारियों को बुलाया गया है।

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