कोरोना के नए वेरिएंट से पंजाब में अलर्ट!

जालंधर: कोविड-19 के नए वेरिएंट की दस्तक से पंजाब में अलर्ट जारी किया गया है। गत दिवस जिला जालंधर में हुई 1 महिला की मौत के बाद लोग दहशत में है। वहीं अब चिकित्सा विशेषज्ञों ने विशेष एहतियात बरतने की सलाह दी है। विशेषज्ञों के मुताबिक नया वेरिएंट जे.एन.1 पहले के वेरिएंट्स के मुकाबले तेजी से संचारित हो सकता है लेकिन इससे घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। जे. एन. 1 वेरिएंट ओमिक्रॉन का ही वंशज है और इसके लिए कोविड-19 जैसी ही सावधानियां बरतने की आवश्यकता है।

बीमार लोगों को बरतनी होंगी ये एहतियात
डाक्टरों को कहना है कि सर्दियों में खांसी और जुकाम के दौरान इस वेरिएंट से बचने के लिए स्वच्छता को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। पहले की तरह बार-बार हाथ धोना और स्कूल या काम से छुट्टी लेकर इसे रोकने के कारगर उपाय जारी रखने चाहिए। बच्चों और 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को लेकर सतर्क रहने की सलाह देते हुए चिकित्सकों ने कहा है कि इसके अलावा मधुमेह, ब्रोंकाइटिस या अस्थमा, हृदय व कैंसर रोगियों को घर से बाहर निकलते समय अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।

वेरिएंट कम घातक, बढ़ी हुई
संक्रामकता चिंताजनक पल्मोनोलॉजी और क्रिटिकल केयर मैडीसन, साकरा वर्ल्ड हॉस्पिटल बेंगलुरु के वरिष्ठ सलाहकार डा. सचिन कुमार का कहना है कि वर्तमान में इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि जे.एन. वेरिएंट की गंभीरता अन्य ओमिक्रॉन वेरिएंट की तुलना में अधिक है। यह हल्का प्रतीत होता है और एकमात्र चिंताजनक कारक इसकी बढ़ी हुई संक्रामकता है।

संतुलित आहार लें, हर दिन व्यायाम करें
कोविड के जे. एन. वेरिएंट से बचने के लिए उन्होंने संतुलित आहार, हर दिन व्यायाम करने और पर्याप्त नोंद लेने की सलाह दी है। एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए डा. सचिन ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह लेने की भी लोगों से अपील की है।

संक्रमित करने के बाद वेरिएंट होता है कमजोर
वह बताते हैं कि वेरिएंट की बढ़ी हुई संक्रामकता को एक सामान्य विकास प्रक्रिया के रूप में देखा जाता है, जहां यह आसानी से फैलता है, लेकिन कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है। डा. सचिन कुमार कहते हैं कि जे.एन. 1 वेरिएंट के विकास के साथ समग्र मृत्यु दर कम दिख रही है, जो एक ऐसी प्रवृत्ति का संकेत देता है कि यह अधिक लोगों को संक्रमित करके अपना अस्तित्व सुनिश्चित करने के बाद समय के साथ कम घातक हो जाता है। इस बात पर जोर दिया गया है कि मौजूदा स्थिति गंभीर परिणामों का संकेत नहीं देती है, लेकिन उच्च जोखिम वाले समूहों के व्यक्तियों को सतर्क रहना चाहिए और आवश्यक सावधानी बरतनी चाहिए।

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