कितना पुराना है हिंदुओं का इतिहास, इस DNA से खुलेगा बड़ा राज

अब तक मोहनजोदड़ो, हड़प्पा सभ्यता का सबसे बड़ा स्थल माना जाता था, लेकिन हरियाणा के हिसार जिले का राखीगढ़ी गांव ने उसे दूसरे नंबर पर ला दिया है. यही नहीं राखीगढ़ी की खोज इतिहास भी बदल सकती है. वेद, हिंदू, हिंदुत्‍व, सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़े कई सवालों के उत्‍तर के लिए राखीगढ़ी की खोज काफी महत्‍वपूर्ण स्‍थान रखती है. 

एक सवाल जो हमेशा से पूछा जाता है कि क्‍या सिंधु घाटी में स्‍थ‍ित हड़प्पा सभ्यता में वैदिक हिंदुत्‍व की जड़ें मिलती हैं? राखीगढ़ी में 2015 से अबतक हुए जेनेटिक (आनुवंशिक) खोज पर विश्‍वास करे तो यह जवाब न में मिलता है.

आपको बता दें कि राखीगढ़ी में 2015 सें अबतक हुए जेनेटिक (आनुवंशिक) खोज के नतीजे जल्‍द ही साइंस जर्नल में प्रकाश‍ित किए जाएंगे. आइए 10 पॉइंट में जानते हैं कि कैसे यह रिपोर्ट इतिहास बदलने का दावा करती है और इस रिपोर्ट पर विवाद होना भी तय है….

1. आपको बता दें कि हिंदुत्‍व लॉबी के सत्‍ता में आते ही भारतीय इतिहास को हिंदुत्‍व के नजीरिए से लिखने की शुरुआत हो गई थी. ज्‍यादातर हिंदुत्‍व से जुड़ी किताबों (वेद) में सिंधु घाटी सभ्‍यता को वैदि‍क बताया गया है. 

2. हालांकि राखीगढ़ी में मिले 4500 साल पुराने कंकालों के डीएनए टेस्‍ट से यह बात स‍ाबित नहीं होती है. इतिहास और पौराण‍िक मान्‍याताओं का यह विवाद कोई नया नहीं है. 

3. राखीगढ़ी में मिले 4500 साल पुराने कंकालों के DNA से पता चला है कि प्राचीन राखीगढ़ी के लोग साउथ इंडिया में रहने वाले पूर्वजों और ईरान के खेतिहर लोगों के मिश्र‍ित खून थे. 

4. राखीगढ़ी में मिले डीएनए में वह genes भी नहीं मिला जिसे आर्यन (steppeland-मैदानी इलाका) जीन कहते हैं. इस जीन को उत्‍तर भारत में उच्‍च जाति‍ से जोड़ा जाता है. 

 

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