मध्यप्रदेश में ‘चेहरे’ के सवाल पर भाजपा और कांग्रेस में वार-पलटवार का खेल

विधानसभा चुनावों की शुरुआत के साथ ही मध्यप्रदेश भाजपा के लिए परेशानी का सबब बना हुआ था। माना जा रहा था कि एमपी में भाजपा अपनी जीत की हैट्रिक को अब और आगे नहीं ले जा पाएगी। कई सर्वे में भी इसी बात के संकेत मिल रहे थे। लेकिन कुछ दिनों पूर्व कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच कथित तनातनी की खबरें चर्चा में आ गईं। 

हालांकि दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों ने इसे गलत बताया। लेकिन भाजपा इसे ले उड़ी और उसके प्रचार तंत्र ने न सिर्फ दिग्विजय और सिंधिया के बीच बल्कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से भी ज्योतिरादित्य के बीच भी कथित मनमुटाव की चर्चा को हवा दे दी। भाजपा की रणनीति है कि नेताओं की फूट और शिवराज के मुकाबले कोई चेहरा न दे पाने की कांग्रेस की मजबूरी का फायदा उठाया जाए। पार्टी को लगता है कि अगर वह जनता में कांग्रेसी नेताओं में ‘फूट’ होने का संदेश देने में सफल होती है तो उसे इसका सीधा फायदा मिल सकता है। यही कारण है कि आज मध्यप्रदेश में चुनावी दौरे पर पहुंचे अमित शाह ने कांग्रेस को शिवराज के मुकाबले कौन के मुद्दे पर घेरने की पुरजोर कोशिश की। लेकिन कांग्रेस ने जवाबी सवाल दागा कि महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड, उत्तराखंड, बिहार में भाजपा ने कौन सा चेहरा दिया था।   

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आज बड़वानी और शाजापुर में चुनावी रैली की। लोगों को संबोधित करते हुए शाह ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और कांग्रेस के चेहरे पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में पार्टी का चेहरा कौन है यह स्पष्ट नहीं है जबकि भाजपा के पास मध्यप्रदेश में शिवराज जैसा दमदार चेहरा है। अमित शाह के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा की असलियत यह है कि सामने से उसका चेहरा कुछ और होता है, जबकि काम की असलियत कुछ और होती है। 
कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनावों में ‘विकास’ का चेहरा लोगों को दिखाया था, लेकिन जब से उनकी सरकार आई है तब से लोग देख रहे हैं कि भाजपा का असली चेहरा ‘विनाश’ हो गया है। भाजपा ने दो करोड़ नौकरियों का चेहरा युवाओं को दिखाया था, लेकिन पूरे देश के युवा अब भाजपा में ‘बेरोजगारी’ का चेहरा देख रहे हैं। भाजपा ने सपना गरीबों के हित का दिखाया था लेकिन पूरा देश देख रहा है कि वह ‘सूट-बूट’ वालों के हित में काम कर रही है।
राहुल गांधी की टीम की अहम सदस्य प्रियंका ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति के चेहरे पर चुनाव लड़ने की बात है तो भाजपा को बताना चाहिए कि हरियाणा और महाराष्ट्र में उसने किसके चेहरे पर चुनाव लड़ा था। जाहिर है कि उन्होंने बाद में अपने मनपसंद व्यक्ति को मुख्यमंत्री पद पर बैठा दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में परंपरा रही है कि चुनाव के बाद चुने गए विधायक अपना नेता चुनती है और मध्यप्रदेश में भी ऐसा ही होगा।
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