प्रदोष व्रत पर बन रहे हैं एक साथ कई अद्भुत संयोग, यहां जान लें व्रत रखने के लाभ

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत पवित्र माना जाता है। यह व्रत भगवान शंकर की पूजा के लिए समर्पित है। इस महीने यह उपवास 21 अप्रैल को रखा जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार का प्रदोष व्रत काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इस दौरान एक नहीं कई अद्भुत संयोग का निर्माण हो रहा है, जिससे व्रत का महत्व दोगुना बढ़ जाएगा।

साथ ही सभी प्रकार के कष्टों से छुटकारा मिलेगा। कहा जाए तो यह व्रत इस बार आपकी हर मनोकामनाओं को पूरी करेगा।

त्रयोदशी तिथि और समय
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 20 अप्रैल रात्रि 11 बजकर 5 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 22 अप्रैल की रात्रि 2 बजकर 36 मिनट में पर होगा। जानकारी के लिए बता दें, भोलेनाथ की पूजा प्रदोष काल में ज्यादा शुभ मानी गई है। इसलिए पंचांग के अनुसार, यह उपवास 21 अप्रैल को रखा जाएगा। ताकि पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो सके।

रवि प्रदोष पर बन रहे हैं कई अद्भुत संयोग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार रवि प्रदोष पर ऐसा संयोग बनने जा रहा है, जो बहुत कम देखने को मिलता है। यही वजह है कि इसका महत्व और भी बढ़ गया है। दरअसल, इस शुभ दिन पर शिव वास, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, अमृत सिद्धि योग का निर्माण होने जा रहा है।

ऐसा कहा जाता है कि ऐसा अद्भुत संयोग महादेव की पूजा के लिए बहुत खास होता है। इस दौरान पूजा करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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