वैशाख माह में सूर्य देव को इस विधि से चढ़ाएं जल, पहुंच जाएंगे करियर के टॉप पर

हिंदू धर्म में हर महीने का अपना एक विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार, इस साल के दूसरे महीने वैशाख माह की शुरुआत हो चुकी है। यह महीना भगवान विष्णु को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस माह भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना और दान- पुण्य करने से व्यक्ति का भाग्योदय होता है। इसके अलावा इस पूरे माह गंगा नदी में डुबकी लगाना, सूर्यदेव को जल चढ़ाना अति शुभ माना गया है, जो लोग इन कार्यों को पूरी श्रद्धा के साथ करते हैं उन्हें अपने करियर के टॉप पर पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता है, तो आइए जानते हैं वैशाख महीने में सूर्यदेव को अर्घ्य कैसे देना चाहिए?

वैशाख माह में ऐसे दें भगवान सूर्य को अर्घ्य
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान करें।
एक लोटे में जल के साथ लाल फूल, चावल, अक्षत, कुमकुम, हल्दी, गुड़ डालें।
इसके बाद एक आसन पर खड़े होकर सूर्यदेव को नमस्कार करें और उनके वैदिक मंत्रों का जाप करते हुए उन्हें जल अर्पित करें।
सूर्यदेव स्तोत्र व सूर्यदेव चालीसा का पाठ करें।
फिर धूप, दीप और कपूर से भगवान सूर्य की आरती करें।
सूर्य भगवान को नारियल, फल, मिठाई आदि का भोग लगाएं।
पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमायाचना करें।
जितने दिन सूर्य देव को अर्घ्य दें, उतने दिन सात्विक आहार ही ग्रहण करें।
जल चढ़ाते समय सिर से लोटा नीचें रखें।
लाल वस्त्र धारण करके सूर्य देव को जल चढ़ाना शुभ माना गया है।
उगते सूरज को ही जल चढ़ाएं।
अर्घ्य का पानी पैरों में न पड़ने दें।

सूर्य देव को अर्घ्य देते समय इन मंत्रों का करें जाप
ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
एहि सूर्य! सहस्त्रांशो! तेजो राशे! जगत्पते!
अनुकम्प्यं मां भक्त्या गृहाणार्घ्य दिवाकर!

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:

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