भारत में यहां स्थापित हैं रावण के मंदिर, विशेष तौर से की जाती है दशानन की पूजा

रामायण, सनातन धर्म के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण महाकाव्यों में से एक है। रामायण में वर्णित सभी पात्र एक विशेष महत्व रखते हैं और कुछ न कुछ संदेश जरूर देते हैं। भले ही रावण एक दुरुचारी था, लेकिन इसके साथ ही वह काफी विद्वान और बहु-विद्याओं का जानकार था। अपनी-अपनी मान्यताओं के आधार पर भारत के कई हिस्सों में रावण को पूजनीय माना जाता है।

रावण का सबसे प्रसिद्ध मंदिर
उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के पास स्थित बिसरख गांव को रावण का जन्म स्थान माना जाता है। ऐसे में यहां रावण का एक भव्य मंदिर स्थापित है, जो दशानन के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से भी एक है। ऐसा भी माना जाता है कि इस स्थान पर ऋषि विश्वास और उनके पुत्र रावण ने एक शिवलिंग की पूजा की थी।

लगभग एक सदी पहले, इस स्थान की खुदाई में एक शिवलिंग पाया गया, जिसके बारे में यह कहा जाता है कि ये वही लिंगम है जिसकी पूजा रावण और उनके पिता किया करते थे। यही कारण है कि बिसरख गांव में कभी भी दशहरे पर रावण के पुतला नहीं जलाया जाता।

यहां होती है रावण की पूजा
मध्य प्रदेश में स्थित मंदसौर को रावण और मंदोदरी का विवाह स्थान माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, रावण की पत्नी यानी मंदोदरी, मंदसौर की ही रहने वाली थीं। ऐसे में इस स्थान पर भी रावण की पूजा-अर्चना की जाती है। इसी प्रकार मध्य प्रदेश के विदिशा गांव में भी रावण का एक बहुत बड़ा मंदिर स्थापित है, जहां रावण को एक देवता के रूप में पूजा जाता है।

काकीनाडा रावण मंदिर
आंध्र प्रदेश में भी रावण का एक मंदिर स्थापित है, जिसे काकीनाडा रावण मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में रावण की भगवान शिव के प्रति भक्ति को दर्शाया गया है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में जो शिवलिंग स्थापित है उसकी स्थापना स्वयं रावण द्वारा की गई थी।

दूध से किया कराया जाता है स्नान
उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक ऐसा मंदिर स्थापित है, जहां विजयदशमी के दिन पूरे विधि विधान से रावण को दूध से स्नान व अभिषेक कराया जाता है। तत्पश्चात उसका शृंगार किया जाता है और पूजा भी की जाती है। इस मंदिर की एक खास बात यह भी है कि यह मंदिर केवल दशहरे के दिन ही खोला जाता है।

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