पीड़िता बोली- हमदर्दी दिखाकर बार-बार कुरेदते रहोगे तो मेरे जख्म कभी नहीं भर पाएंगे….

मैं उठूंगी, लडूंगी और लड़ना सिखाऊंगी, मगर ऐसा करने के लिए मुझे एकांत चाहिए। शांति चाहिए। मुझमें शक्ति है। लड़ने का जज्बा है। मैं जी सकती हूं, मगर वक्त के साथ थोड़ी दोस्ती करने दें। समय का मरहम ही दरिंदों के दिए जख्म को भर सकता है। भीड़ की हमदर्दी तो अब मेरे जख्मों पर मरहम की जगह नमक बन रही है। अब बस करो।

हमदर्दी दिखाकर बार-बार कुरेदते रहोगे तो मेरे जख्म कभी नहीं भर पाएंगे। अभी मेरी जिजीविषा जिंदा है, लेकिन बार- बार मुझे 26 अप्रैल के उस डरावने दिन की याद दिलाते रहोगे तो मैं टूट जाऊंगी। माना आप सबको मेरे साथ हुए घटनाक्रम का दुख है। आप दरिंदों को सजा दिलाने के लिए मेरे और परिवार के साथ खड़े हैं, परंतु चौखट पर भीड़ नहीं हटी तो मैं तिलतिल कर….। अलवर सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के आंसुओं का सागर सूख चुका है। घटनाक्रम बताते- बताते जुबान थक चुकी है, लेकिन उसका मौन बस यही कह रहा है जो ऊपर वर्णित है। 

राहुल गांधी के आने से पीड़ित परिवार को हर संभव मदद की आस बंध्ी है, लेकिन दुष्कर्म पीड़िता का दर्द मामले के सार्वजनिक होने से हैं। कानून भले ही पीड़िता के परिवार की पहचान छिपाने की बात करता है, लेकिन रोजाना घर पर बढ़ रही भीड़ के कारण घटनाक्रम जुबानी वायरल हो रहा है।

पूरे घर में तिल रखने की जगह नहीं :

जागरण संवाददाता ने पीड़िता की ससुराल पहुंचकर माहौल का जायजा लिया। तेज धूप के बावजूद आने-जाने वालों का तांता लगा हुआ है। करणी सेना की टोली घर के आंगन में मौजूद है। राजपूती पगड़ी पहने संगठन के पदाधिकारी परिवार को हर मदद का आश्वासन देते हैं। कुछ देर बाद अन्य संगठन के लोग पहुंच जाते हैं। इस बीच थानागाजी के विधायक कांति प्रसाद मीणा की मौजूदगी में पीड़िता के ससुर ने दैनिक जागरण के साथ अपनी भावनाएं साझा की। उनका दर्द वही है जो पीड़िता का है। उनका मानना है कि ऐसे माहौल में अब यहां रहना शायद संभव नहीं होगा। सरकार से पुनर्वास की उम्मीद है। किसी ऐसी जगह जहां उनकी बेटी को कोई दुष्कर्म पीड़िता समझकर हमदर्दी न जताए। परिवार इस मुद्दे पर हो रही सियासत से दूर रहना चाहता है, कहीं न कहीं उन्हें इस बात का अहसास भी है कि राजनीति होने से ही उनका दर्द सुनने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तमाम दिग्गज नेता पहुंच गए हैं, लेकिन नेताओं की बात पर मुखर होकर टिप्पणी से बचते हैं।

मोदी का जिक्र हर जगह

पीड़ित परिवार राहुल गांधी और अशोक गहलोत के प्रति कृतज्ञ है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र भी हर जगह हो रहा है। दबी जुबान से परिवार के लोग यह मान रहे हैं कि अगर मोदी इस प्रकरण को अपनी सभाओं में नहीं उठाते तो राहुल गांधी और राजस्थान सरकार का पूरा अमला उनकी मदद के लिए आगे नहीं आता।

कई पीड़ित महिलाओं को न्याय मिलने की जगी उम्मीद

इस प्रकरण ने कई उन महिलाओं में भी न्याय की उम्मीद जगाई है, जिनकी शिकायतें थानों में धूल फांक रही हैं। गुरुवार को ही राहुल गांधी से मिलने के लिए एक ऐसा व्यक्ति पहुंचा जिसकी बेटी 10 दिन से गायब है। राहुल के जाने के बाद मीडिया के सामने आए इस व्यक्ति ने कहा कि पुलिस ने उसे बांधकर टेंट में बंद कर दिया था। राहुल गांधी के जाने के बाद उनके हाथ- पांव खोले हैं।

दुष्कर्म पीड़िता बोली, कुरेदते रहोगे तो भर नहीं पाएंगे मेरे जख्म, मौन में भी छलकने लगा है अलवर की दुष्कर्म पीड़िता के दिल का दर्द । 

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