तो इसलिए बीजेपी के 2 नेताओं ने खोला सनी देओल के खिलाफ मोर्चा, जानें क्यों?

हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुए बॉलीवुड अभिनेता सनी देओल 29 अप्रैल (सोमवार) को पंजाब की गुरदासपुर संसदीय सीट से नामांकन दाखिल करेंगे. लेकिन उनके चुनाव मैदान में उतरने से पहले ही गुरदासपुर के दो स्थानीय बीजेपी नेताओं ने उनकी मुश्किलें बढ़ा सकते हैं. दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता की पत्नी कविता खन्ना और बीजेपी नेता स्वर्ण सलारिया गुरदासपुर से अभिनेता सनी देओल को टिकट दिए जाने से नाराज हैं.

टिकट नहीं मिलने से नाराज कविता खन्ना

गुरदासपुर से चार बार सांसद रहे विनोद खन्ना की पत्नी कविता खन्ना टिकट नहीं दिए जाने से बीजेपी से नाराज हैं. उन्होंने शनिवार को दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में दोपहर 12 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है. जहां पर वह अपने अगले चुनावी राजनीतिक कदम का ऐलान कर सकती हैं.

माना जा रहा है कि वह बीजेपी को अलविदा भी कह सकती हैं और वह अपने पति की पूर्व लोकसभा सीट गुरदासपुर से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ सकती हैं. बता दें कि विनोद खन्ना ने 1998, 1999, 2004 और 2014 में इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था.

स्वर्ण सलारिया ने भी दिखाए बगावती तेवर

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वहीं विनोद खन्ना की मृत्यु के बाद 2017 में हुए गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले स्वर्ण सलारिया भी सनी देओल को गुरदासपुर से टिकट दिए जाने को लेकर नाराज हैं और वह बगावती तेवर अपना चुके हैं.

सलारिया ने शनिवार को दोपहर करीब 12 बजे गुरदासपुर में अपने ऑफिस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है. उनके नजदीकी सूत्र दावा कर रहे हैं कि वह एक CD मीडिया के सामने लेकर आएंगे और ये CD किसी बड़े बीजेपी नेता के खिलाफ होने की बात कही जा रही है.

बता दें कि विनोद खन्ना की मृत्यु के बाद गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव के दौरान स्वर्ण सलारिया कांग्रेस के सुनील जाखड़ से करीब 1 लाख 90 हजार से ज्यादा वोटों से हार गए थे और इस बार भी उम्मीद कर रहे थे कि पार्टी उन पर भरोसा जताएगी और गुरदासपुर से उन्हें टिकट दिया जाएगा.

गौरतलब है कि पंजाब में चुनाव आखिरी चरण में होने हैं और 29 अप्रैल यानी सोमवार नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख है.

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