दिल्ली में महामंत्री रहा, मुख्यमंत्री बनकर राजस्थान लौटा था: अशोक गहलोत

जोधपुर. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नवनियुक्त संगठन महासचिव अशोक गहलोत ने कहा कि जिस प्रकार प्रदेश में हुए उप चुनाव सभी कांग्रेसी नेताआें ने मिलकर लड़े आैर जीते। ऐसा ही आने वाले विधानसभा चुनावों में होगा। कांग्रेस एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी। शनिवार को मीडिया से बातचीत में जब उनसे पूछा कि गया कि क्या उनको केंद्र में जिम्मेदारी देकर राजस्थान में सचिन पायलट को फ्री हैंड दे दिया गया है? गहलोत बोले-राजस्थान का हर गांव-ढाणी और कोना मेरे दिल में है। मैं आपसे दूर नहीं रहूंगा, या कहूं कि मैं थांसू दूर नहीं। जोधपुर मेरी प्रयोगशाला रहेगी। पांच साल तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का महामंत्री रहने से पहले भी दिल्ली में रहा, लेकिन राजस्थान का मुख्यमंत्री बनकर लौटा। जब राजनीति से रिटायर्ड हो जाऊंगा तब जोधपुर आकर रहूंगा।

– उन्होंने कहा कि आलाकमान ने विश्वास करके जो नई जिम्मेदारी दी है, उसे पूरी तरह समझकर निभाने की कोशिश करूंगा। नई पीढ़ी को कांग्रेस से जोड़ेंगे। आज नई पीढ़ी आैर कांग्रेस के बीच थोड़ी दूरी आ गई है। नई पीढ़ी को कांग्रे स के बलिदानों की जानकारी नहीं है, जबकि बीजेपी अब 70 साल बाद गांधी व पटेल को अपना रही है। थोड़े समय बाद वे नेहरू को भी अपनाएंगे। राजस्थान में सभी विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि यह फैसला वर्किंग कमेटी करेगी।

परदे के पीछे से नहीं, सीधे मैदान में आए आरएसएस

गहलोत ने कहा कि आरएसएस पर्दे के पीछे की राजनीति कर लोगों को भ्रमित कर वोट मांगती है। इसका फायदा भाजपा उठा रही है। आरएसएस को अब मैदान में आना चाहिए। उसे बीजेपी को अपने में मर्ज कर चुनाव लड़ना चाहिए ताकि सीधा मुकाबला हो। मैदान में खुलकर राजनीति होगी तो देशहित में होगी। भ्रम पैदा करके हिंदुत्व, राम मंदिर तो कभी गौ माता के नाम पर राजनीति अब बंद होनी चाहिए।

मोदी-शाह को स्पीचलेस कर चुके हैं राहुल

गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी की नीति व सोच का ही नतीजा था कि गुजरात चुनावों में पीएम व भाजपा अध्यक्ष को स्पीचलेस कर दिया था। उन्होंने किसानों व बेरोजगारों का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाए तो दोनों जवाब नहीं दे पाए। जब कुछ नहीं चली तो भावनात्मक मुद्दा उठाकर 7-8 सीटों के अंतर से गुजरात चुनाव जीत गए।

राममंदिर पर कोर्ट जो भी फैसला करे मान्य होगा

उन्होंने कहा कि देश में घृणा, नफरत, हिंसा की राजनीति बंद होनी चाहिए। कांग्रेस ने कभी भी महापुरुषों के नाम को नहीं बदला, लेकिन वसुंधरा सरकार अहम व घमंड में राजीव गांधी के नाम की योजनाआें का नाम बदल रही है। गहलोत ने कहा कि राममंदिर मामले में कोर्ट से जो भी आदेश आए, वह सभी काे मानना चाहिए।

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