तो चीन पीएम सहित 10 हजार भारतियों पर रख रहा नजर

जुबिली न्यूज़ डेस्क
भारत और चीन के बीच एलएसी को लेकर पिछले चार महीनों से तनाव की स्थिति बनी हुई है। एलएसी से चीन पीछे हटने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस तनाव के बीच एक ऐसी खबर आ रही है जिसको सुनकर आप चकित हो सकते है। दरअसल कुछ चीनी कंपनियां 10 हजार भारतियों पर नजर रखें हुए हैं।
ये चीनी कंपनी जुनख्वा डेटा इंफोर्मेशन टेक्नॉलॉजी को लिमिटेड’ है जोकि शेनज़ेन में स्थित है। इसका संबंध चीन की सरकार और चाइनीज़ कॉम्युनिस्ट पार्टी से हैं।
फ़िलहाल जिन भारतियों पर नजर रखी जा रही है। उनमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके परिवार, ममता बनर्जी, अशोक गहलोत, नवीन पटनायक, उद्धव ठाकरे से लेकर कैबिनट मंत्री राजनाथ सिंह, रवि शंकर प्रसाद, निर्मला सीतारमण, स्मृति इरानी शामिल हैं।
इतना ही नहीं, चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ बिपिन रावत, आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के 15 प्रमुखों से लेकर मुख्य न्यायाधीश शरद बोबडे, लोकपाल पीसी घोष, कैग प्रमुख जीसी मुर्मु, ‘भारत पे’ के संस्थापक निपुण मेहरा, उद्योगपति रतन टाटा और गौतम अडानी को भी मॉनिटर किया जा रहा है।

इनके अलावा कई बड़े पद वाले नौकरशाह, जज, वैज्ञानिक, पत्रकार, कार्यकर्ता और धार्मिक शख़्सियतों पर भी नज़र रखी जा रही है। ये कंपनी खुद दावा करती है कि ये चीन की खुफ़िया एजेंसी, सेना और सुरक्षा एजेंसियों के साथ काम करती है।
एक अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का दावा किया है कि चीन की झेनझुआ डाटा इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी करीब दस हजार भारतीयों का डाटा इकट्ठा कर रहा है। चाइनीज़ इंटेलीजेंस के लिए काम करने का दावा करने वाली ये कंपनी दूसरे देशों के लोगों पर नजर रखती है।
इसके तहत झेनझुआ कंपनी किसी भी व्यक्ति का डिजिटल फुटप्रिंट फॉलो करती है। इसमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के डाटा, इन्फॉर्मेशन लाइब्रेरी को तैयार किया जाता है। इस डेटा में सिर्फ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ही जानकारी उपलब्ध नहीं की जाती बल्कि सभी कागजात और कौन कहां शामिल हो रहा है, इन सब की जानकारी भी रखी जाती है। इसके बाद पूरा डेटाबेस चीनी सरकारको दिया जाता है।
क्या है चीन का हाइब्रिड वॉरफेयर?
इस बात ये साफ़ है कि चीन सिर्फ सीमा पर नहीं बल्कि साइबर की दुनिया में भी एक जंग लड़ रहा है। इसे ही हाइब्रिड वारफेयर के तौर पर उपयोग किया जाता है, ये नीति चीनी सेना यानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के द्वारा तैयार की गई है। इस नई दुनिया में चीन ने अपना फोकस मिलिट्री से हटाकर आम आदमी को साधने में लगाया हुआ है, जिसके तहत दूसरे देश के लोगों पर अपनी पकड़ बनाए है।
इस तरह की चीन की एक ओर ऐसी नीति का इस्तेमाल सिर्फ भारत नहीं बल्कि अमेरिका सहित कई देशों में भी किया जा रहा है। भारत ने हाल ही में कई चीनी ऐप को बैन किया है, लेकिन ये संकट उससे कई बड़ा और अलग है। जो दूसरे देश के राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक ढांचे में घुसकर उसको प्रभावित करता है और अपने लिए इस्तेमाल करता है।

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