किसी जगह को हेरिटेज लिस्ट में किन वजहों से शामिल किया जाता है और क्या है इसके फायदे?

किसी देश में मौजूद धरोहर ही उस जगह की संस्कृति की पहचान होती हैं। हर साल 18 अप्रैल को मनाए जाने वाले World Heritage Day का मकसद दुनियाभर में मौजूद विरासत स्थलों के बारे में लोगों को बताना और उनके संरक्षण के प्रति उन्हें जागरूक करना है। साल 1982 में इस दिन को वर्ल्ड लेवल पर मनाने का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन साल 1983 में इसे मनाने की आधिकारिक मान्यता मिली थी। तब से हर साल 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस मनाया जा रहा है।

वर्तमान में मौजूद वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स
दुनियाभर में कुल 1199 विश्व धरोहर स्थल हैं। इनमें से 933 सांस्कृतिक स्थल हैं, 227 प्राकृतिक स्थल हैं और 39 मिश्रित स्थल हैं। वहीं लगभग 56 स्थल खतरे की लिस्ट में शामिल हैं।

हेरिटेज साइट्स की लिस्ट में भारत छठे नंबर पर
सबसे ज्यादा धरोहर किस देश में मौजूद हैं, इस लिस्ट में इटली टॉप पर है जहां 58 हेरिटेज साइट्स हैं। इसके बाद चीन का नंबर आता है जहां 56 धरोहरें हैं। तीसरे नंबर पर जर्मनी का नाम है जहां 51 हेरिटेज साइट्स हैं। चौथे नंबर पर फ्रांस (49), पांचवें पर स्पेन है, जहां के 49 साइट्स को हेरिटेज साइट्स का दर्जा मिला हुआ है। भारत इस लिस्ट में छठवें स्थान पर आता है, यहां 42 हेरिटेज साइट्स हैं।

संयुक्त राष्ट्र शिक्षा, विज्ञान और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) के पास किसी जगह को विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामित करने की आधिकारिक शक्ति है।

कैसे चुनी जाती हैं हेरिटेज साइट्स?
किसी जगह को उसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व की वजह से विश्व धरोहर स्थल (वर्ल्ड हेरिटेज साइट) में शामिल किया जाता है। दो संगठनों अंतरराष्ट्रीय स्मारक एवं स्थल परिषद और विश्व संरक्षण संघ इसका पूरा आंकलन करते हैं। जांच-निरीक्षण के बाद इसे हेरिटेज लिस्ट में शामिल करने की सिफारिश विश्व धरोहर समिति से की जाती है। यह समिति साल में एक बार बैठती है और निर्णय लेती है कि जिन स्थलों को नामांकित किया गया है उन्हें विश्व धरोहर सूची में शामिल करना है या नहीं। वर्ल्ड हेरिटेज साइट में ऐतिहासिक भवन, शहर, रेगिस्तान, जंगल, द्वीप, झील, स्मारक, पहाड़ आदि शामिल हो सकते हैं।

क्या है इसका उद्देश्य?
किसी जगह को विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल करने का मुख्य उद्देश्य उसके अस्तित्व को बचाना है। जिससे वो अनदेखी या लापरवाही का शिकार होकर खत्म न हो जाए।

किसी जगह के यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल होने के फायदे
इसका सबसे बड़ा फायदा तो ये है कि उस जगह का नाम पूरी दुनिया में मशहूर हो जाता है। जिससे उस जगह का पर्यटन में इजाफा होता है। वहां रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं। पर्यटकों के बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था को भी फायदा होता है। ऐसे कई देश हैं जो विरासतों के मामले में तो धनी है, लेकिन उनके रख-रखाव के लिए उनके पास संसाधनों की कमी है। ऐसे में यूनेस्को उन स्थलों की देखरेख की जिम्मेदारी उठाता है।

पर्यटन को बढ़ावा
हेरिटेज स्थल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है। पर्यटन से रोजगार के अवसरों में वृद्धि होती है और स्थानीय कला और हस्तशिल्प को भी बढ़ावा मिलता है।

शिक्षा और जागरूकता
हेरिटेज साइट्स लोगों को इतिहास, संस्कृति और वास्तुकला के बारे में शिक्षित करते हैं। वे सामाजिक समझ और सहिष्णुता को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

शोध और अध्ययन
हेरिटेज स्थल वैज्ञानिकों, इतिहासकारों और पुरातत्वविदों के लिए अनुसंधान और अध्ययन का महत्वपूर्ण स्रोत होते हैं। वे प्राचीन सभ्यताओं और संस्कृतियों के बारे में हमारी समझ को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

स्थानीय समुदायों का सशक्तिकरण
जब किसी देश की किसी जगह को हेरिटेज साइट में शामिल किया जाता है, तो वहां के स्थानीय समुदायों को अपनी संस्कृति और विरासत पर गर्व करने का अवसर मिलता है। जो उन्हें अपनी सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने और उसे मजबूत करने में मदद करता है।

पर्यावरण संरक्षण
कुछ हेरिटेज साइट्स प्राकृतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। हेरिटेज साइट में शामिल होने के बाद इन क्षेत्रों को संरक्षित करने करने में मदद करती है।

कुल मिलाकर, किसी जगह को हेरिटेज घोषित करना सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय रूप से कई लाभ प्रदान करता है। यह एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो हमें अपनी अमूल्य धरोहरों को भविष्य की पीढ़ियों के लिए बचाने और उनकी रक्षा करने में मदद करता है।

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