आख़िर मिल ही गयी वैष्णो देवी मंदिर की स्वर्ग की सीढ़ियाँ, देखें तस्वीरें

माता वैष्णो देवी, जगत जननी, जगत तारणी देवी हैं. उनके दर्शन मात्र से जीवन भर के पाप कट जाते हैं. कहा जाता है कि अपने दरबार में झोली फैलाने वाले को माता कभी खाली हाथ नहीं जाने देतीं. माता के घर में जो मांगो, वह मिलता है. यही विश्वास पूरी दुनिया के भक्त जनों को माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आकर्षित करता है. ऐसे में आज हम आपको माता वैष्णो देवी मंदिर की स्वर्ग की सीढ़ियाँ के दर्शन करवाने जा रहें है जिसे देखकर मन भी ख़ुशी से झूम उठेगा.

मौजूदा खबर अनुसार बता दें रियासत में लगातार हो रही बारिश और बर्फबारी के बीच माता वैष्णो देवी के दरबार का नजारा अब किसी स्वर्ग से कम नही लग रहा है. पहाड़ी इलाकों में हुई जमकर बारिश-बर्फबारी के बाद जहां आसमान के साथ चारों ओर धुंध छाई हुई है वहीं इस घुंघ के बीच माता का भवन का नजारा तो किसी जन्नत से कम नहीं लग रहा है. माता के दरबार में हालांकि इस मौसम में श्रद्धालुओं की संख्या कम हो जाती है लेकिन जो इस नजारें को एक बार देख लें तो भुला पाना मुश्किल होता होगा.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शांत माहौल के बीच असमान में छाए काले घुंघ को चीर कर आती सूर्य की रोशनी का वो शानदार नजारा देखते ही बन रहा है. इस अद्भुत नजारें को देखकर हर कोई इसें अपने कैमरें में कैद करने की कोशिश करने में जुट गया. हर साल लाखों की संख्या में भक्त जन दुनिया के कोने-कोने से आकर माता वैष्णो के दर्शन करते हैं और तृप्त होकर लौटते हैं.

गौरतलब है कि माता की गुफा के दर्शन करने पर उनके तीन स्वरूप दिखाई देते हैं. ये तीनों रूप पिंडी स्वरूप में हैं और सम्मिलित रूप से वैष्णवी के नाम से जाने जाते हैं. एक ही नाम होने पर माता तीन स्वरूपों में हैं, यह बात हर भक्त के मन में आती है. माता वैष्णो देवी मंदिर का इतिहास अपने आप में बेहद रोचक है. माता वैष्णवी ने महिषासुर का विनाश कर पूरे जगत में मिसाल कायम कि अच्छाई हमेशा बुराई पर भारी पड़ती है.

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बताते चलें कि माता वैष्णवी ने संसार को आतंक से मुक्त करने के लिए महिषासुर को युद्ध में परास्त कर मोक्ष प्रदान किया. युद्ध के पश्चात माता वैष्णवी ने जम्मू के पास इस गुफा को अपना निवास स्थान चुना. इस गुफा में वे अपने तीनों महारूपों में तीन पिंडियों के रूप में स्थापित हुईं. यही वजह है कि गुफा में माता के तीन रूप दिखाई देने पर भी वे एक नाम वैष्णो देवी के रूप में जानी और पूजी जाती हैं.

 
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