श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की भावी योजना, रामलला की आरती में रोज शामिल हो सकेंगे 400 भक्त

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट रामलला के दर्शन के साथ ही उनकी आरती में भी अधिकाधिक श्रद्धालुओं को शामिल करने की योजना बना रहा है। इसका प्रारूप इस तरह बन रहा है, जिससे रामलला की आरती में स्वयं आनलाइन मोड से भक्तगण पास बना कर श्रद्धालु शामिल हो सकें।

इसके प्रारूप पर अंतिम विमर्श चल रहा है। लगभग सहमति बन गई है। इसके अनुसार अलग-अलग आरती में शामिल होने वालों की संख्या कुल चार सौ तक हो सकती है। ये सभी नित्य होने वाली रामलला की पांच में से चार आरती में शामिल होंगे। प्रत्येक आरती में सौ-सौ लोग शामिल हो सकेंगे।

मंगला व शयन आरती में बनाए जाते हैं सौ पास
अभी रामलला की मंगला व शयन आरती में ही श्रद्धालु शामिल हो पा रहे हैं। इसके लिए आनलाइन मोड तथा ट्रस्ट के अनुमोदन के बाद ही पास जारी हो रहा है। मंगला आरती में सौ व शयन आरती में भी सौ पास बनाए जाते हैं। शेष तीन आरती श्रृंगार, राजभाेग व संध्या आरती में संध्या को छोड़ कर श्रृंगार व राजभोग आरती के लिए भी पास जारी करने की योजना है। सिर्फ संध्या आरती के लिए पास निर्गत नहीं किए जाएंगे।

मंगला आरती रामलला के जागरण के समय सुबह साढ़े चार बजे, श्रृंगार आरती भगवान के श्रृंगार के समय साढ़े छह बजे होती है। राजभोग आरती दोपहर 12 बजे, संध्या आरती शाम साढ़े सात बजे और रात्रि दस बजे शयन आरती होती है। इस योजना को लागू करने के लिए साफ्टवेयर में परिवर्तन किया जाना है। इसमें नये सिरे से पास की संख्या, समय, स्लाट का अंकन होगा।

काउंटर से बनेंगे आरती पास
ट्रस्ट से जुड़े एक पदाधिकारी ने बताया कि योजना बन रही है। प्रत्येक आरती के लिए बनने वाले सौ पास में से 20 आनलाइन बनाए जा सकेंगे। 30 बिड़ला मंदिर के सामने स्थित रामजन्मभूमि पथ के आरती पास काउंटर से बनेंगे। शेष ट्रस्टियों के अनुमोदन के बाद बन सकेंगे। ये पास भी काउंटर से प्राप्त किए जा सकेंगे।

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