SC ने टाली शाहीन बाग मामले पर सुनवाई, जानें क्यों कहा- फिलहाल सुनवाई टालना सही रहेगा..

शाहीन बाग में सड़क खुलवाने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिका पर सुनवाई के लिए माहौल ठीक नहीं है, फिलहाल सुनवाई टालना सही रहेगा. SC  ने ये भी कहा कि दिल्ली में हिंसा का मामला हाईकोर्ट देख रहा है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 23 मार्च को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने आज कोई आदेश नहीं दिया है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी है. जिसे नहीं होनी चाहिए. हम इस याचिका के स्कोप को शाहीन बाग जाम मामले से नहीं बढ़ा सकते.

इससे पहले पिछले सोमवार 24 फरवरी को भी इस मामले की सुनवाई टल गई थी. सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने आज सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद कवर में रिपोर्ट सौंपी थी. कोर्ट ने कहा था कि हमें रिपोर्ट देखने दीजिए, बुधवार को सुनवाई करेंगे.

इससे पहले 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने समस्या के समाधान के लिए वकील संजय हेगड़े और साधना रामचन्द्रन को वार्ताकार नियुक्त किया था. कोर्ट ने कहा था कि सड़क रोककर बैठे लोगों से बात कर उन्हें किसी दूसरी जगह पर धरना देने के लिए समझाएंगे, कोर्ट ने कहा था कि पूर्व सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह अगर चाहें तो साथ जा सकते हैं. 

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सुनवाई के दौरान जस्टिस जोसेफ ने कहा था कि लोगों को प्रदर्शन करने की इजाजत होनी चाहिए. हम CAA की बात नहीं कर रहे हैं लेकिन लोगों को विरोध करने का, प्रदर्शन करने का अधिकार होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जिस मुद्दे को लेकर धरना प्रदर्शन चल रहा है वह सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए लंबित है.

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि समाज का एक हिस्सा किसी कानून से सहमत नहीं है. लेकिन यह मामला अभी कोर्ट में लंबित है, हम धरने पर कुछ नहीं कह रहे हैं.

कोर्ट ने कहा था कि हम ये नहीं कह रहे कि विरोध प्रदर्शन का अधिकार नहीं होना चाहिए. लेकिन सवाल ये है कि विरोध प्रदर्शन कहां किया जाए. आज प्रोटेस्ट यहां हो रहा है, कल कहीं और होगा, अगर ऐसे जारी रहा तो शहर के विभिन्न इलाके ब्लॉक हो जाएंगे. हमारी चिंता इस बात को लेकर है कि अगर इस तरह सड़क या सार्वजनिक स्थान को ब्लॉक किया जाने लगा तो दिक्कत होगी. 

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