यमुना छठ पर दुर्लभ सुकर्मा योग का हो रहा है निर्माण

हर वर्ष चैत्र और कार्तिक महीने में छठ पूजा धूमधाम से मनाई जाती है। यह पर्व चैत्र और कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से लेकर सप्तमी तिथि तक मनाया जाता है। इसमें प्रथम दिवस पर नहाय खाय मनाया जाता है। वहीं, दूसरे दिन खरना होता है। जबकि, तीसरे दिन शाम का अर्घ्य यानी डूबते सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। इसके अगले दिन उगते सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। इस वर्ष 12 अप्रैल से लेकर 15 अप्रैल तक यमुना छठ पर्व मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि छठ पूजा करने से साधक को आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही आय, आयु, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से व्रती को मनोवांछित फल की भी प्राप्ति होती है। ज्योतिषियों की मानें तो यमुना छठ के शुभ अवसर पर सुबह का अर्घ्य सुकर्मा योग में दिया जाएगा। आइए, योग एवं पंचांग जानते हैं-

यमुना छठ शुभ मुहूर्त

नहाय खाय- शुक्रवार 12 अप्रैल, 2024

खरना- शनिवार 13 अप्रैल, 2024

संध्या अर्घ्य- रविवार 14 अप्रैल, 2024

सुबह का अर्घ्य- रविवार 15 अप्रैल, 2024

ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 13 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 04 मिनट पर शुरू होगी और 14 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगी। अतः 14 अप्रैल को संध्या अर्घ्य दिया जाएगा और 15 अप्रैल को सुबह का अर्घ्य दिया जाएगा।

सुकर्मा योग
सुकर्मा योग 14 अप्रैल को देर रात 11 बजकर 33 मिनट पर शुरू होगा और अगले दिन यानी 15 अप्रैल को देर रात 11 बजकर 09 मिनट पर समाप्त होगा। इस प्रकार सुकर्मा योग में सुबह का अर्घ्य दिया जाएगा।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय – सुबह 05 बजकर 55 मिनट पर

सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 47 मिनट पर

चन्द्रोदय- सुबह 11 बजकर 07 मिनट पर

चंद्रास्त- देर रात 01 बजकर 45 मिनट पर

पंचांग
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 26 मिनट से 05 बजकर 11 मिनट तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 21 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 46 मिनट से 07 बजकर 08 मिनट तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक

अशुभ समय

राहु काल – सुबह 07 बजकर 32 मिनट से 09 बजकर 08 मिनट तक

गुलिक काल – दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से 03 बजकर 34 मिनट तक

दिशा शूल – पूर्व

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