मन्नत पूरी होने पर माता को अर्पित किए जाते हैं पीतल के घंटे

भारत में कई ऐसे मंदिर हैं, जो अपनी प्रचलित मान्यताओं को लेकर चर्चा का विषय बने हुए हैं। मध्य प्रदेश के सांची-विदिशा मार्ग पर स्थित देवी बाग के मंदिर में मां बिजासन देवी विराजमान हैं। ऐसा माना जाता है जो भी भक्त देवी के दर्शन करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और इसके बाद भक्त माता को धन्यवाद देने के लिए मंदिर में पीतल का घंटा अर्पित करते हैं। आइए जानते हैं इस मंदिर के विषय में

ये है इतिहास
मंदिर की स्थापना को लेकर ऐसा माना जाता है कि नाना साहब पेशवा के नेतृत्व में सेना पानीपत के युद्ध के लिए जा रही थी। सेना में कुल 50 हजार सेना थे। तब उन्होंने इस स्थान पर रुकने के लिए एक छावनी बनाई, जिसे नाना का भाग कहा जाता है। यहां सेना लगभग एक महीने तक रुकी। इस दौरान सैनिकों ने पूजन के लिए एक खुले स्थान पर बिजासन देवी की प्रतिमा स्थापित की। तब यह स्थान एक बगीचे के रूप में था। इसलिए देवी के इस स्थान को देवी का बाग कहा जाता है।

क्यों नहीं है चारदीवारी
माता की मूर्ति एक खुले स्थान में स्थापित है। यहां कोई चहारदीवारी नहीं है। माता की मूर्ति खुले में ही एक वृक्ष की छांव में विराजमान है। ऐसा माना जाता है कि लोगों ने एक पक्का मंदिर बनाने की कई कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे।

ऐसा कहा जाता है कि सैनिकों ने अपनी सुविधा के अनुसार, एक खुले स्थान पर माता को प्रतिष्ठित किया था और तभी से माता स्थाई रूप से कोई व्यवस्था नहीं चाहती हैं। यही कारण है की देवी का मंदिर आज भी इसी रूप में विराजमान है। माता रानी के साथ-साथ हनुमान जी, गणेश भगवान और शिव परिवार की प्रतिमा भी स्थापित है।

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