सिर्फ पन्ना-रूबी ही नहीं, ये रत्न भी खोल सकता है आपकी किस्मत, जानिए पहनने का तरीका

रत्नों से जुड़े शास्त्र को रत्न शास्त्र कहा जाता है। इस शास्त्र में माना गया है कि यदि रत्नों को सही विधि से धारण किया जाए तो यह व्यक्ति को जीवन में कई प्रकार के लाभ प्राप्त हो सकते हैं। वहीं अगर इन रत्नों को ज्योतिष से की सलाह पर धारण किया जाए तो इससे जीवन की कई समस्याओं से निजात मिल सकता है।

प्रत्येक व्यक्ति के लिए उसकी कुंडली के आधार पर अलग-अलग रत्नों का निर्धारण किया गया है। आज हम एक ऐसे रत्न की बात करने जा रहे हैं जिसे धारण करने से व्यक्ति को विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है। यह रत्न पन्ना-रूबी की तरह ही लाभकारी सिद्ध होता है।

ये है इस रत्न की खासियत
फिरोजा एक आसमानी नीला या हरे नीले रंग का पत्थर होता है। यह सबसे प्राचीन रत्नों में से एक है। फिरोजा को बौद्ध समुदाय में पवित्र पत्थर माना गया है। इसे माला व अंगूठी दोनों के रूप में पहना जा सकता है। इसे धारण करने से किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता।

फिरोजा रत्न धारण करने के लाभ

  • रत्न शास्त्र के अनुसार फिरोजा पहनने वाले व्यक्ति को बुद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति का आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
  • फिरोजा रत्न पहनने से बृहस्पति ग्रह की स्थिति मजबूत होती है। ऐसे में कुंडली में बृहस्पति कमजोर होने पर इस रत्न को धारण किया जा सकता है।
  • फिरोजा धारण करने से व्यक्ति का दांपत्य जीवन में खुशियों से भर जाता है। सामाजिक व पारिवारिक मान-सम्मान में वृद्धि होती है।
  • साथ ही इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति के करियर में भी सफलता के योग बनते हैं।
  • फिरोजा पहनने से कई तरह की बीमारियों में भी राहत मिलती है। वहीं, इसे पहनने से आपके जीवन की कई बड़ी समस्याएं हल हो जाती हैं।
  • इस तरह करें धारण
  • किसी शुभ मुहूर्त में फिरोजा रत्न का धारण किया जा सकता है। वहीं, बृहस्पतिवार, गुरुवार और शनिवार का दिन भी इस रत्न को धारण करने के लिए अच्छा माना गया है। रत्न शास्त्र में माना गया है कि फिरोजा रत्न को चांदी या पंचधातु से बनी अंगूठी में धारण करने से ज्यादा लाभ मिलता है। ये रत्न ज्यादातर कला के क्षेत्र से जुड़े लोगों के द्वारा धारण किया जाता है।
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