लगातार हो रही इन तीन गलतियों से बढ़ जाता है स्किन कैंसर का खतरा

कैंसर एक गंभीर रोग है जिसका नाम सुनते ही ज्यादातर लोग डर जाते हैं। शरीर में जब पुरानी कोशिकाएं नष्ट होती हैं तो उनकी जगह नई कोशिकाएं आती हैं और ये क्रम चलता रहता है। लेकिन कैंसर की स्थिति में ऐसा नहीं होता है। कैंसर होने पर पुरानी कोशिकाएं नष्ट होने की बजाय विभाजित हो जाती हैं और बढ़ने लगती हैं। ये विभाजन और वृद्धि लगातार चलती रहती है और आसपास की अन्य स्वस्थ कोशिकाओं को काम करने में बाधा पहुंचाती हैं। इससे धीरे-धीरे वो अंग खराब होने लगता है और पूरे शरीर पर इसका प्रभाव पड़ता है। स्किन कैंसर भी ऐसी ही स्थिति है जिसमें त्वचा के नीचे की टिशूज कैंसर के कारण भयानक रूप लेने लगती हैं। इसका खतरा सबसे ज्यादा उन लोगों को होता है जो लोग धूप में ज्यादा समय बिताते हैं, धूप में जिनकी त्वचा पर झाइयां पड़ जाती हैं या जिनके शरीर में मस्से ज्यादा होते हैं। रोजमर्रा की कई ऐसी आदतें हैं जिनके कारण स्किन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। आइये आज जानते हैं उन्हीं आदतों के बारे में जिससे आप उन्हें बदल सकें और इस गंभीर रोग से खुद को बचा सकें।

रोजमर्रा की इन तीन गलतियों से बढ़ जाता है स्किन कैंसर का खतरा

धूप में ज्यादा देर रहना है खतरनाक

कुछ लोगों का काम ऐसा होता है कि उन्हें ज्यादातर समय धूप में रहना पड़ता है और कुछ लोगों को सर्दियों में धूप में बैठना पसंद होता है। कुछ लोग धूप में इसलिए भी घंटों बैठे रहते हैं कि इससे हमें विटामिन डी मिलता है। लेकिन आपको बता दें कि धूप में ज्यादा देर रहना खतरनाक है क्योंकि इससे स्किन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। ये सच है कि धूप की किरणें विटामिन डी का अच्छा स्रोत हैं लेकिन ओजोन पर्त में छेद होने के कारण इन किरणों के साथ हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट किरणें भी आती हैं, जो हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचाती हैं। ऐसा नहीं है कि इस डर से आप धूप लेना ही छोड़ दें क्योंकि शरीर को विटामिन डी की जितनी जरूरत होती है उसका 40% हिस्सा हमें धूप से ही मिलता है इसलिए धूप शरीर के लिए जरूरी भी है। लेकिन अगर आप स्किन कैंसर से बचना चाहते हैं तो दोपहर की तेज धूप में आधे घंटे से ज्यादा लगातार बैठना आपके लिए सही नहीं है। इसकी बजाय सुबह की गुनगुनी धूप में एक घंटे बैठना लाभप्रद है क्योंकि उस समय धूप में अल्ट्रावॉयलेट किरणों का प्रभाव कम होता है और आपके शरीर को विटामिन डी भी भरपूर मिल जाता है।

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सनस्क्रीन का इस्तेमाल न करना

अगर आप दिन में घर से बाहर निकल रहे हैं तो आपके लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल बेहद जरूरी है। कई बार धूप तेज नहीं होती है या आप सुबह हल्की धूप में कहीं जाते हैं तो सोचते हैं कि सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना गैर जरूरी है। लेकिन आपका ऐसा सोचना गलत है क्योंकि दिन में धूप भले ही तेज न हो लेकिन हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट किरणों से त्वचा के नुकसान की संभावना तब भी होती है। इसलिए दिन में घर से बाहर निकलने से 15-20 मिनट पहले शरीर के उन अंगों पर सनस्क्रीन का जरूर इस्तेमाल करें जो सीधे धूप के संपर्क में आती हैं जैसे चेहरा, हाथ, पैर, गर्दन आदि। अगर आप स्विमिंग करने जा रहे हैं या आपको पसीना बहुत ज्यादा आता है तो आपके लिए वाटरप्रूफ सनस्क्रीन का इस्तेमाल ठीक रहेगा। सनस्क्रीन सूजन की हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट किरणों के प्रभाव से हमें बचाता है और स्किन कैंसर जैसे रोगों से हमारी रक्षा करता है।

त्वचा रोगों को सामान्य समझना

आमतौर पर लोग त्वचा रोगों को गंभीरता से नहीं लेते हैं और सोचते हैं कि ये आसानी से ठीक हो जाएंगे। त्वचा पर होने वाले ज्यादातर परिवर्तन शरीर में खून की खराबी के कारण होती हैं। दरअसल कई बार हमारे खून में मिली हुई अशुद्धियों और जहरीले पदार्थों को हमारी किडनी साफ नहीं कर पाती है, तो इसका प्रभाव हमारी त्वचा पर दिखने लगता है। शरीर में फुंसी, पिंपल, स्किन इंफेक्शन, फंगल इंफेक्शन, मस्से आदि का यही कारण है। जब त्वचा पर पहले से कोई रोग हो जिसमें लगातार परिवर्तन हो रहा हो और वो ठीक न हो रहा है तो ये लक्षण स्किन कैंसर के हो सकते हैं। स्किन कैंसर का खतरा उन लोगों को भी ज्यादा होता है जिनकी त्वचा पर टैग्स, मस्से, तिल और फंगल इंफेक्शन ज्यादा होते हैं। इन लोगों को धूप की हानिकारक किरणों से बचाव की ज्यादा जरूरत होती है।

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