शारीरिक संबंध बनाने से दूर होती हैं ये समस्याए, जागरूकता है बेहद जरूरी

‘संभोग’ जिसे सरल भाषा में ‘सेक्स’ और ‘शारीरिक संबंध’ कहा जाता है। आमतौर पर भारतीय समाज में इस मामले पर खुलकर बात नहीं की जाती है। यही कारण है कि कई बार तो हम इससे जुड़ी दिक्कतों को भी इग्नोर कर देते हैं। वैसे हम आपको बता दें कि दूसरी बीमारियों के समान ही सेक्स से जुड़ी भी कुछ समस्याएं होती हैं। इनके बारे में जागरूकता बेहद जरूरी है। दरअसल अधिकांश मामलों में ऐसी दिक्कतें शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक होती हैं। 

जैसे संबंध बनाने के दौरान पार्टनर को दर्द होना, संतुष्ट न हो पाना, इन पलों का आनंद नहीं ले पाना जैसी समस्याओं के समाधान काउंसलिंग के दौरान भी संभव है। इसे मेडिकल भाषा में ‘सेक्स थेरेपी’ भी कहा जाता है। बावजूद इसके ज्यादातर लोग इसकी सहायता लेने से बचते हैं। 

जबकि इस तरह की थेरेपी से आपकी मदद हो सकती है। आज हम आपके लिए इसी से जुड़ी कुछ बातें लेकर आए हैं। आप बस ध्यान से पढ़िएगा। 

 

काउन्सलिंग

 
काउन्सलिंग

‘सेक्स थेरेपी’ भी एक तरह की काउन्सलिंग ही है। ‘सेक्स थेरेपी’ मनोविज्ञान, सेक्स और रिश्तों की बेहतर तरीके से समझ रखने वाले विशेषज्ञों द्वारा की जाती है। 

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मनोवैज्ञानिक साइड को समझना 

 
मनोवैज्ञानिक साइड को समझना 

सेक्स सिर्फ शारीरिक संतुष्टि का ही जरिया नहीं होता है। इसका आपकी मनोस्थिति से भी गहरा नाता है। अगर आपकी मनोस्थिति ठीक नहीं है तो सेक्स से जुड़ी कई शारीरिक समस्याएं भी जन्म लेती है। ‘सेक्स थेरेपी’ तनाव से लड़ने और अपने साथी से इस संबंध में बातचीत करने के तरीकों से अवगत कराती है। 

पार्टनर जरूरी नहीं

 
पार्टनर जरूरी नहीं

‘सेक्स थेरेपी’ के लिए पार्टनर को साथ ले जाना जरूरी नहीं होता है। आप कुछ व्यक्तिगत सुझाव चाहते हैं तो अकेले जा सकते हैं। लेकिन अगर आप उनके साथ जाते हैं तो एक-दूसरे को बेहतर तरीके से समझने का मौका मिलता है।

सिंगल्स के लिए सलाह 

 
सिंगल्स के लिए सलाह 

‘सेक्स थेरेपी’ सिर्फ कपल्स ही नहीं बल्कि सिंगल्स के लिए भी होती है। आप सेक्स को लेकर असहज है। किसी से संबंध बनाने के बाद आप उसे नापसंद करने लगते हैं या फिर सवालों के जवाब, फैंटेसी पर बात करना आदि के लिए भी सेक्स थेरेपिस्ट की मदद ली जा सकती है।

 

 
 
 
 
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