अभी अभी: एक्सप्रेस वे पर उतरा हरक्युलिस सी-130

लखनऊ-आगरे एक्सप्रेस वे पर भारतीय वायुसेना ने मंगलवार को एक नया इतिहास लिखा है। सुबह 10 बजें दुनिया का सबसे बड़ा माल वाहक विमान हरक्युलिस सी-130 लैंड हुआ। इस विमान के लैंड करते ही गरुड़ कमांडो उतरे और उन्होंने पूरे एक्सप्रेस वे को अपने कब्जे में ले लिया।sena

इसके बाद एक के बाद एक वायुसेना के फाइटर जेट एक्सप्रेस वे पर टच डाउन करने लगे। इस लिस्ट में सबसे पहला फाइटर जेट जागुआर रहा। यह वायुसेना का बम वर्षक विमान है जो एक बार 4000 किलो से ज्यादा का वजन ले जा सकने में सक्षम है। इस दौरान एक के बाद एक तीन जगुआर फाइटर जेट्स ने टच डाउन किया।

यह पहला मौका है, जब चार वायुसेना स्टेशनों के विमान एक साथ इसमें शामिल होकर तीन घंटे से अधिक समय तक एक्सप्रेस-वे की एयर स्ट्रिप पर रिहर्सल करेंगे। ‘आपरेशनल रिहर्सल’ गरुड़ कमांडो की निगरानी में होगा। ये एयर स्ट्रिप पर मौजूद रहेंगे और धरती से आकाश तक इनकी नजर होगी।

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इससे पहले 21 नवंबर 2016 को एक्सप्रेस-वे पर वायुसेना के छह लड़ाकू विमानों ने प्रदर्शन कर इतिहास के पन्नों में नाम दर्ज कराया था। उसके ठीक 336 दिन बाद वायुसेना अब बड़ा इतिहास रचने वाली है। पिछले वर्ष 302 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण के बाद इस पर बनाई गई 3.2 किलोमीटर की एयर स्ट्रिप को चूमते हुए तीन मिराज और तीन सुखोई लड़ाकू विमान गुजरे थे।

लखनऊ के बक्शी का तालाब वायुसेना स्टेशन द्वारा सबसे बड़ा आपरेशनल रिहर्सल किया जा रहा है। इसमें वायुसेना के चार स्टेशनों के 17 विमान एक्सप्रेस-वे पर टच डाउन करेंगे।

शुरुआत हरक्युलिस ग्लोबमास्टर सी-130 की लैंडिग से होगी। उसी पर सवार गरुड़ कमांडो पूरी हवाई पट्टी को अपने कब्जे में ले लेंगे। सी-130 के वापस लौटने के बाद ही जगुआर, मिराज और सुपरसोनिक सुखोई विमान बारी-बारी से तय प्रदर्शन पूरा करने के लिए एक्सप्रेस-वे को छुएंगे।

16 चक्र का प्रदर्शन पूरा होने के बाद आखिर में फिर हरक्युलिस एक्सप्रेस वे पर गरुड़ कमांडो व सैनिक साजो-सामान लेने उतरेगा।

चार सेकंड तक जमीन पर होंगे 15 लड़ाकू विमान

लड़ाकू विमान सुपरसोनिक सुखोई एसयू-30, जगुआर और मिराज जब आगरा एक्सप्रेस-वे पर उतरेंगे तो उनकी गति 260 किलोमीटर प्रतिघंटा की होगी।

वैसे तो एक्सप्रेस-वे का पांच किलोमीटर का हिस्सा विमानों के टच और उड़ान भरने के लिए लिया गया है।

लेकिन केवल तीन किलोमीटर एक्सप्रेस-वे का इस्तेमाल किया जाएगा। तेज गति से विमान तीन सौ मीटर के पैच पर ही उतरेंगे। वह केवल चार सेकंड के लिए जमीन को छुएंगे।

मार्कर बताएगा पायलटों को दिशा

जमीन पर उतरने से पहले सभी 15 लड़ाकू विमान एक्सप्रेस-वे के ऊपर करीब 25 मिनट पहले ही आकर चक्कर काटने लगेंगे।

सबसे पहले ग्वालियर वायुसेना स्टेशन से उड़ान भरने वाले तीन जगुआर लखनऊ से आगरा की तरफ एक्सप्रेस-वे पर अपनी बारी का इंतजार करेंगे।

ठीक सुबह 10ः15 बजे एक लाइन से तीनों विमान टच होल्ड मार्कर की ओर उतरने लगेंगे। पहला मार्कर देखकर पायलट को इसका पता लगेगा कि उसको अगले दो मार्कर के बाद लैंडिंग करनी है।

पायलट करीब 100 मीटर तक दो मार्कर लाइन को पार करने के बाद तीसरे मार्कर से पहले पियानो मार्कर पर अपने विमान का अगला पहिया बीच वाली पट्टी पर उतारेगा।

विमान करीब 300 से 400 मीटर के पैच तक जमीन पर रहेगा। इस बीच पायलट विमान की गति को बढ़ाते हुए आगे बढ़ जाएगा।

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