रामलला की सेवा में नियुक्त हुए चार प्रशिक्षु अर्चक

नित्य प्रति रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ रही है। इसे देखते हुए रामजन्मभूमि मंदिर परिसर में नए सिरे से भक्तों की सुविधा का प्रबंध भी किया जाने लगा है। साथ ही श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला की सेवा में चार प्रशिक्षु अर्चकों की बहुप्रतीक्षित नियुक्ति भी कर दी है। ये पुराने अर्चकाें की सहायता करेंगे। सुबह व शाम मंदिर में उपस्थित रहेंगे। प्रशिक्षु अर्चकों ने पूजा पाठ प्रारंभ कर दिया है। गुरुवार को सुबह व सायंकाल सभी मंदिर उपस्थित रहे। नित्य वाल्मीकि रामायण का पाठ भी करेंगे।

अभी पांच पुराने अर्चक रामलला की सेवा, पूजा पाठ का दायित्व संभाल रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा के पहले ही ट्रस्ट की उप समिति ने प्रशिक्षण के लिए आचार्यों से आवेदन मांगे थे। साक्षात्कार के बाद इनमें से 24 का चयन किया गया। इन्हें लगभग ढाई माह से रामकोट स्थित रंग वाटिका में प्रशिक्षित किया जा रहा है। इन्हें सहायक पुजारी के रूप में तैनात करने की तैयारी भी प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व ही प्रारंभ हुई थी। हनुमत निवास के महंत मिथिलेशनंदिनी शरण व अन्य आचार्यों ने इनकी स्क्रीनिंग की। चार नाम तय हुए। इन्हीं चारों को अब रामलला की सेवा में लगा दिया गया।

चित्ताकर्षक रामलला कर रहे निहाल
अयोध्या: गुरुवार को रामलला पीले वस्त्र में काजू, किशमिश, बादाम व पिस्ता का माला धारण किए हुए थे, जिसे देख कर भक्त मुग्ध हो उठे। रामलला दिन के अनुसार वस्त्र धारण करते हैं। माला भी नित्य दिल्ली से बन कर आती है। गोहाटी से आई मंजू ने बताया कि रामलला का दर्शन कर उनकी आत्मा तृप्त हो गई है। बताया कि रामलला का स्वरूप देख कर यहीं बस जाने का मन है।

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