Exit Poll 2019 एक्जिट पोल के अनुसार भाजपा हरियाण और दिल्ली में लगभग कर रही क्लीन स्विप
Exit Poll 2019 एक्जिट पोल के अनुसार, भाजपा हरियाण और दिल्ली में लगभग क्लीन स्विप कर रही है। पिछले लोक सभा चुनाव में भाजपा को दिल्ली में सभी सातों सीटें मिली थीं। वहीं, हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से भाजपा ने सात सीटों पर जीत दर्ज की थी। एक्जिट पोल के मुताबिक, कमोबेश यही स्थिति साल 2019 के लोकसभा चुनावों में भी रहने वाली है। हालांकि, यदि इन दोनों राज्यों में यदि आप और कांग्रेस एक साथ मिलकर लड़ जाते तो भाजपा के लिए चुनावी लड़ाई मुश्किल हो जाती।
बता दें कि साल 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने हरियाणा में सात सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि आईएनएलडी को दो और अन्य के खाते में एक सीट गई थीं। आज तक के एक्जिट पोल के मुताबिक, दिल्ली में भाजपा छह सीटों पर जीत सकती है, जबकि इंडिया टीवी की मानें तो भाजपा सभी सातों सीटों पर क्लीन स्विप करेगी। वहीं न्यूज 24 भाजपा को दिल्ली में सात सीटें मिलने की बात कह रहा है। आज तक कांग्रेस के खाते में एक सीट जाने की संभावना जता रहा है। एबीपी भाजपा के खाते में पांच सीटें जबकि कांग्रेस को एक सीट मिलने का आकलन कर रहा है।
आज तक के एक्जिट पोल के मुताबिक, हरियाणा में भाजपा को आठ से 10 सीटें मिल सकती हैं, जबकि कांग्रेस के खाते में दो सीटें जाने का आकलन किया गया है। न्यूज-24 के सर्वे के मुताबिक, हरियाणा में भाजपा क्लीन स्विप कर सकती है। न्यूज-24 ने राज्य में भाजपा को 10 सीटें मिलने का अनुमान जताया है। यदि यह एक्जिट पोल हकीकत में बदलता है तो पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेता और दो बार मुख्यमंत्री रह चुके भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा को बड़ा झटका लग सकता है।
इस बार भूपेंद्र सिंह हुड्डा सोनीपत से जबकि उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा रोहतक से चुनाव लड़ रहे हैं। एक्जिट पोल से साफ संकेत मिल रहा है कि रोहतक पर इस बार कांग्रेस प्रत्याशी दीपेंद्र हुड्डा के लिए राह आसान नहीं होगी। यहां उनकी टक्कर भाजपा प्रत्याशी अरविंद शर्मा से है। भाजपा ने भी इस चुनाव में अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए रोहतक में पूरी ताकत झोंक दी थी।
यदि एक्जिट पोल के दूसरे पहलुओं पर गौर करें तो इन दोनों ही राज्यों भाजपा को विपक्षी फूट का सीधा फायदा मिलता दिखाई दे रहा है। दरअसल, चुनाव से पहले आप संयोजक अरविंद केजरीवाल कांग्रेस से गठबंधन करना चाहते थे, लेकिन बात बन नहीं पाई। असल में आम आदमी पार्टी दिल्ली के अलावा हरियाणा में भी कांग्रेस से गठबंधन करना चाहती थी। लेकिन, कांग्रेस ने हरियाणा में आप से गठबंधन करने का फैसला ठुकरा दिया था। यहां तक कि दिल्ली में भी शीला दीक्षित आप के साथ गठबंधन को लेकर रजामंद नहीं थीं।
यदि एक्जिट पोल के दूसरे पहलुओं पर गौर करें तो इन दोनों ही राज्यों भाजपा को विपक्षी फूट का सीधा फायदा मिलता दिखाई दे रहा है। दरअसल, चुनाव से पहले आप संयोजक अरविंद केजरीवाल कांग्रेस से गठबंधन करना चाहते थे, लेकिन बात बन नहीं पाई। असल में आम आदमी पार्टी दिल्ली के अलावा हरियाणा में भी कांग्रेस से गठबंधन करना चाहती थी। लेकिन, कांग्रेस ने हरियाणा में आप से गठबंधन करने का फैसला ठुकरा दिया था। यहां तक कि दिल्ली में भी शीला दीक्षित आप के साथ गठबंधन को लेकर रजामंद नहीं थीं।