मैं बीमार हूं और इसके चलते 41 घंटे लंबी यात्रा करके नहीं आ सकता। ये कारण बताते हुए फरार हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने मंगलवार को अदालत के सामने प्रवर्तन निदेशालाय (ईडी) की तरफ से उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने का विरोध जताया।
चोकसी पंजाब नेशनल बैंक में करीब 13 हजार 400 करोड़ रुपये के घोटाले में अपने भांजे नीरव मोदी के साथ मुख्य आरोपी है। अदालत ने इस मामले में ईडी को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी।
चोकसी के वकील ने ईडी द्वारा जांच में शामिल नहीं होने के आरोपों को बताया गलत
मंगलवार को चोकसी की तरफ से मनी लांड्रिंग एक्ट की विशेष अदालत में दाखिल किए गए 10 में से एक प्रार्थना पत्र में उसने कहा है कि वह दिमाग में खून का थक्का होने व स्वास्थ्य से जुड़े अन्य कारणों के कारण 41 घंटे लंबी यात्रा करते हुए भारत नहीं आ सकता है।
चोकसी ने ये प्रार्थना पत्र अपने वकील संजय अबाट के जरिए जज एमएस आजमी के सामने दाखिल किए, जिसमें उसका मुख्य जोर अपने खिलाफ ईडी की तरफ से भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (फेओआ) के तहत दाखिल शिकायत को स्वास्थ्य कारणों से खारिज कराने पर रहा।
चोकसी के वकील ने ईडी की तरफ से जांच में शामिल नहीं होने के आरोप को गलत बताते हुए अदालत से कहा कि उसने जानबूझकर वापस लौटने से इन्कार नहीं किया है बल्कि वह वर्ष 2012 से चल रही कुछ बीमारियों के कारण वापस लौटने में असमर्थ है।
इन बीमारियों का दिया हवाला
चोकसी ने अपने प्रार्थना पत्र में लिखा कि वह 2012 से दिमाग में खून के थक्के से पीड़ित है और उसे पिछले 20 साल से मधुमेह की भी शिकायत है। इसके अलावा उसे दिल की भी कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। इतनी सारी परेशानियों के कारण उसने खुद को 41 घंटे लंबी हवाई यात्रा करने लायक नहीं बताया है।
नीरव मोदी भी दाखिल कर चुका है ऐसा ही प्रार्थना पत्र
बता दें कि सोमवार को चोकसी के भांजे नीरव मोदी ने भी मनी लांड्रिंग एक्ट की विशेष अदालत के सामने 10 प्रार्थना पत्र ही दाखिल किए थे और उसका भी सारा जोर खुद को भगोड़ा घोषित किए जाने से ईडी को रोकने पर ही रहा था।