चीन: ‘दलाई लामा का उत्तराधिकारी देश के भीतर से ही होना चाहिए’

चीन ने शुक्रवार को कहा है कि 88 वर्षीय दलाई लामा का उत्तराधिकारी देश के भीतर से ही होना चाहिए और उत्तराधिकारी को इसकी मंजूरी लेनी होगी। दरअसल, चीन भारतीय सीमा के करीब स्थित तिब्बत को दक्षिण एशिया के प्रवेश द्वार के रूप में पेश कर रहा है। चीन सरकार द्वारा जारी एक श्वेत पत्र में यह बात कही गई है।

दलाई निभाने वाले है अहम भूमिका

चीन इसे लेकर बेहद चिंतित है, क्योंकि भारत के धर्मशाला में निर्वासित जीवन जी रहे दलाई लामा अपने उत्तराधिकारी की नियुक्ति में अग्रणी भूमिका निभाने वाले हैं। उनका इस क्षेत्र में गहरा आध्यात्मिक प्रभाव हो सकता है, क्योंकि उनकी विरासत तिब्बती जनता के मन में बसी हुई है। भले ही बीजिंग का कहना है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी को उसकी मंजूरी की जरूरत है, लेकिन पर्यवेक्षकों का कहना है कि वह इसलिए चिंतित है, क्योंकि नंबर दो आध्यात्मिक नेता माने जाने वाले पंचेन लामा तिब्बत में ज्यादा लोकप्रियता हासिल नहीं कर पाए हैं।

दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन में हस्तक्षेप न करे चीन: अमेरिका

उन्हें दलाई लामा द्वारा नामित लड़के को पद से हटाने के बाद नियुक्त किया गया था। चीन ने अमेरिका द्वारा तिब्बत मुद्दों के लिए विशेष समन्वयक की नियुक्ति पर भी कड़ा विरोध व्यक्त किया है। साथ ही वाशिंगटन के इस दावे की आलोचना की है कि बीजिंग को दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

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