बड़ी खुशखबरी: 5 लाख से कम सालाना आय वालों के लिए बड़ी राहत, पढ़कर खुशी से नाच उठेंगे

New Delhi : वित्त मंत्री अरुण जेटली आम बजट पेश कर रहे हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के हर परिवार को 5 लाख रुपए हर साल दिए जाएंगे। जिससे परिवार को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया जा सके। एक तरह से ये नागरिकों के लिए स्वास्थ बीमा योजना होगी। उन्होंने कहा कि हवाई चप्पल पहनने वालों को भी हम हवाई सफर कराएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ऐसे लोगों की जिनकी आय सालाना 5 लाख से कम है उनको मकान दिए जाएंगे।

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जेटली ने कहा है कि सरकार B.Tech और ITI करने वाले छात्रों को नौकरी दिलाने  विशेष मदद करेगी। इसके लिए हर जिले में एक कार्यक्रम चलाया जाएगा।  उन्होंने कहा कि सरकार ने फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य डेढ़ गुना बढ़ाने का फैसला किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों की आय दोगुना करने के वादे पर सरकार आगे बढ़ रही है। साथ हीआज देश में कृषि उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर है। उन्होंने कहा कि अब हम 8 करोड़ लोगों को मुफ्त गैस कनेक्शन देंगे।

उन्होंने गरीबों के लिए ऐलान करते हुए कहा कि गरीब की जिंदगी में सरकारी दखल कम से कम होगा। हम गरीबों के लिए तमाम योजनाएं ला रहे हैं। गरीबों को मुफ्त गैस कनेक्शन दे रहे हैं।

वहीं, आपने देखा होगा कि जब भी वित्त मंत्री बजट पेश करने जाते हैं तो उनके हाथ में एक सूटकेस भी होता है। साथ ही सूटकेस के साथ फोटो भी खिंचवाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं इस सूटकेस के पीछे क्या कहानी है। आइए जानते हैं आखिर हर बार बजट से पहले वित्त मंत्री के पास यह सूटकेस क्यों होता है

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भारत के बजट और इस रेड सूटकेस के बीच की कहानी काफी दिलचस्प है। कुछ सालों से पहले से नहीं बल्कि 150 से अधिक सालों से बजट और सूटकेस का रिश्ता है। बताया जाता है कि 1860 में ब्रिटेन के ‘चांसलर ऑफ दी एक्‍सचेकर चीफ’ विलियम एवर्ट ग्‍लैडस्‍टन फाइनेंशियल पेपर्स के बंडल को लेदर बैग में लेकर आए थे। तभी से यह परंपरा निकल पड़ी।

फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार ‘बजट’ शब्द बॉगेटी से निकला हुआ है, जिसका मतलब होता है एक छोटा बैग। साथ ही इसमें सरकार के खर्चे और राजस्व की जानकारी रखने की परंपरा है।

हालांकि ब्रिटेन में रेड ग्‍लैडस्‍टन बजट बॉक्‍स 2010 तक प्रचलन में था। 2010 में इसे म्‍यूजियम में रख दिया गया और उसकी जगह एक फ्रेश रेड लेदर बजट बॉक्‍स का यूज शुरू किया गया।

भारत ने आजादी के बाद भी इस इस परंपरा को जारी रखा गया। 26 नवंबर 1947 को स्‍वतंत्र भारत के पहले वित्‍त मंत्री शणमुखम शेट्टी द्वारा पेश बजट को भी इसी सूटकेस में लाया गया था। उसके बाद से यह कहानी जारी है और हर बार वित्त मंत्री अपना बजट पेश करने से पहले ये सूटकेस लेकर जाते हैं।

ब्रिटेन में एक वित्त मंत्री दूसरे वित्त मंत्री को यह सूटकेस हैंडऑवर करते हैं, लेकिन भारत में ऐसा नहीं है। ब्रिटेन के अलावा यूगांडा, जिम्‍बाब्‍वे और मलेशिया में भी बजट स्‍पीच के लिए इसी सूटकेस का इस्तेमाल होता है।

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