टारगेट पूरा नहीं होने पर कर्मचारियों को ‘कुत्ता’ बना सड़क पर घुमाया, VIRAL हुआ VIDEO
अगर आप किसी प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं और आप टारगेट पूरा नहीं कर पाते क्या आपको सजा मिलनी चाहिए. शायद इस बारे में आपने नहीं सोचा हो, लेकिन एक कंपनी ऐसी है जो टारगेट पूरा नहीं होने पर कर्मचारियों को घुटने के बल सड़क पर चलवाती है. इतना ही नहीं एक कंपनी के कर्मचारियों को सही से काम नहीं करने पर इसका हर्जाना थप्पड़ खाकर चुकाना पड़ता है. जी हां, ऐसा ही कुछ हुआ एक चाइनीज कंपनी में जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि कंपनी कर्मचारियों को टारगेट पूरा नहीं करने पर सड़क पर घुटनों के बल चलाया जा रहा है.पुलिस के रोकने तक खुलेआम हुआ यह सब
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में प्रकाशित खबर के अनुसार यह वीडियो चीन के शेनडोंग का है. वीडियो में दिखाई दे रहा है इसमें एक शख्स झंडा लेकर सबसे आगे चल रहा है. इसके पीछे बाकी लोग घुटनों के बल सड़क पर चल रहे हैं और उनके हाथ भी जमीन पर ही हैं. पुलिस के रोकने तक यह सब खुलेआम होता रहा. रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी कुछ समय के लिए बंद हो गई थी. इससे पहले भी एक ऐसा ही वीडियो सामने आ चुका है जिसमें कर्मचारियों के सही से काम नहीं करने पर एक महिला सभी को लाइन में खड़ा करके थप्पड़ मारती है.
वीडियो वायरल होने पर लोगों का गुस्सा फूटा
कर्मचारियों को घुटने के बल चलाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों का गुस्सा फूट रहा है. लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि इस तरह कर्मचारियों को बेइज्जत करने वाली कंपनियों पर ताला लगा देना चाहिए. कर्मचारी नौकरी के लिए अपने आत्म सम्मान से कैसे समझौता कर सकते हैं. ऐसा चीन में पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले भी कर्मचारियों के थप्पड़ मारे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है.
पिछले दिनों एक होम रिनोवेशन कंपनी ने कर्मचारियों के तय समय में काम पूरा नहीं करने पर उन्हें पेशाब पिलाया और कॉकरोच खिलाए. इसके बाद इन कर्मचारियों को बेल्ट से भी पीटा गया. कई कर्मचारियों का सिर टॉयलेट बाउल में डालकर उन्हें गंदा पानी पिलाया गया.
Punished Chinese employees forced to crawl on road
This Chinese company has a humiliating punishment for employees who fail to meet their targets.
Gepostet von South China Morning Post am Dienstag, 15. Januar 2019