बिजनेस और प्रॉपर्टी बना शरीफ के जेल जाने की वजह, मरियम बोलीं….

भ्रष्टाचार मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को मिली 10 की सजा के बाद अब उनका राजनीतिक करियर लगभग खत्म हो चुका है। भ्रष्टाचार की कमाई से लंदन में 4 आलीशान फ्लैट खरीदने के मामले में पाकिस्तान की अकाउंटेबिलिटी कोर्ट ने उन्हें 10 साल जेल की सजा सुनाई है। इस मामले में उनकी बेटी मरियम नवाज और दामाद मोहम्मद सफदर को भी कोर्ट ने दोषी माना है और उन्हें भी क्रमश: सात साल और एक साल की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा नवाज शरीफ पर करीब 73 करोड़ रुपये और मरियम नवाज पर 18 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।बिजनेस और प्रॉपर्टी बना शरीफ के जेल जाने की वजह, मरियम बोलीं....

क्या है मामला

नवाज शरीफ ने 1993 से 1996 के बीच लंदन के एवेनफील्ड हाउस यानी टैक्स हैवन हाउस में 4 फ्लैट्स खरीदे थे। इन फ्लैट्स के नंबर-16, 16-ए, 17 और 17-ए हैं। ये सभी फ्लैट्स एक ही फ्लोर पर हैं। 2004 में यहां के एक फ्लैट की कीमत 3.33 करोड़ रुपये थी। चारों फ्लैट्स की कीमत 14 करोड़ रुपये के आसपास है। आरोप है कि नवाज शरीफ और उनकी बेटी ने इन फ्लैट्स को खरीदने के लिए कालेधन का इस्तेमाल किया था। ये चारों फ्लैट्स अब जब्त कर लिए जाएंगे।

नवाज का राजनीतिक करियर खत्म ?

अकाउंटेबिलिटी कोर्ट से मिली 10 साल की सजा के बाद अब 68 वर्षीय नवाज शरीफ का राजनीतिक करियर खत्म हो चुका है, यह कहना अभी मुश्किल है। 1999 में भी उन्हें उम्रकैद की सजा हुई थी, लेकिन फिर भी 2013 में वह प्रधानमंत्री बने थे। पनामा पेपर्स लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्होंने एक साल पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस कारण वो इस बार भी चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं।

बिजनेस-प्रॉपर्टी बना नवाज के राजनीतिक करियर पर प्रश्नचिह्न

70 के दशक में नवाज शरीफ के पिता मोहम्मद शरीफ पाकिस्तान के एक बड़े उद्योगपति थे। इत्तेफाक और शरीफ ग्रुप नाम से उनके दो बड़े बिजनेस ग्रुप थे। उनके पास स्टील मिल्स भी थीं। लेकिन बाद में जुल्फिकार अली सरकार ने शरीफ परिवार की स्टील मिल्स और कारखानों का अधिग्रहण कर लिया था। अपने बिजनेस और प्रॉपर्टी को बचाने के लिए ही नवाज शरीफ ने राजनीति में कदम रखा था, लेकिन यहीं बिजनेस और प्रॉपर्टी ने आज उनके राजनीतिक करियर पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।

नवाज पर शुरू से ही लगते रहे हैं भ्रष्टाचार के आरोप

अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत से ही नवाज शरीफ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। नवाज शरीफ पहली बार 1990 में प्रधानमंत्री बने थे, लेकिन तीन साल में ही वर्ष 1993 में भ्रष्टाचार के आरोप में राष्ट्रपति ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था। हालांकि बाद में वो कोर्ट से बरी हो गए थे।
1999 में मुशर्रफ ने तख्तापलट कर नवाज को जेल में डाला

वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ ने नवाज शरीफ सरकार का तख्तापलट कर दिया था और उन्हें जेल में डाल दिया था। उस समय उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। साथ ही राजनीति में उनके हिस्सा लेने से भी आजीवन रोक लगा दिया गया था।

7 साल तक रहे देश से बाहर

कुछ दिन जेल में बिताने के बाद वो सऊदी अरब में हुई एक डील से बाहर आ गए। लेकिन इसके बाद तत्कालीन पाकिस्तान सरकार ने उन्हें परिवार के 40 सदस्यों के साथ सऊदी अरब निर्वासित कर दिया। वहां उन्होंने करीब 7 साल बिताए। फिर 2007 में उन्होंने पाकिस्तानी सेना के साथ डील की और वापस देश लौट आए।

2008 में तीसरी बार बने प्रधानमंत्री

वर्ष 2008 में संसदीय चुनाव से पहले पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री रहीं बेनजीर भुट्टो की हत्या कर दी गई। इसके बाद पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने सहानुभूति लहर का मजबूती से फायदा उठाया और सत्ता पर काबिज हो गया। इस दौरान नवाज ने भी पीपीपी को समर्थन दिया। जिसका फायदा उन्हें 2013 के संसदीय चुनाव में मिला और वो एक बार फिर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन गए।

अधर में मरियम का राजनीतिक भविष्य

भ्रष्टाचार मामले में 7 साल की सजा मिलने के बाद नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज का राजनीतिक भविष्य भी अब अधर में है। पाकिस्तान में 25 जुलाई को होने जा रहे आम चुनाव में वह लाहौर से अपनी किस्मत आजमा रही थीं लेकिन अकाउंटेबिलिटी कोर्ट के फैसले के बाद अब वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगी। इसे उनके और उनकी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

पीएमएल-एन कार्यकर्ता शेर हैं, फैसले से उनका मनोबल नहीं टूटेगा : मरियम

इस फैसले के बाद मरियम नवाज ने कहा कि पीएमएल-एन कार्यकर्ता शेर हैं, कोर्ट के फैसले से उनका मनोबल नहीं टूटेगा। उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले से लोग परेशान न हों। नवाज शरीफ के लिए ये नया नहीं है। उन्होंने पहले भी उम्रकैद, अयोग्यता और निर्वासन का दंश झेला है। वहीं, नवाज शरीफ ने भी कोर्ट के इस फैसले के बाद कहा कि ‘मैं पाकिस्तान आ रहा हूं। जनता के लिए सजा काटने को तैयार हूं’।

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