यमुना में गंदगी के लिए CM ने PM के समक्ष केजरी सरकार पर साधा निशाना

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार बेशक हरियाणा सरकार पर पानी कम देने का आरोप लगा रही है मगर नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष दिल्ली सरकार को ही आईना दिखा दिया। मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा पूरा व साफ पानी दिल्ली को दे रहा है। इस पानी में से ही हरियाणा के चार जिलों को भी यमुना का पानी आगरा व गुरुग्राम नहर के माध्यम से मिलता है। लेकिन, दिल्ली सरकार की अनदेखी के कारण हरियाणा के चार जिलों को यमुना के साफ पानी की बजाए दिल्ली की गंदगी ही मिल रही है।यमुना में गंदगी के लिए CM ने PM के समक्ष केजरी सरकार पर साधा निशाना

मुख्यमंत्री ने बैठक में यमुना नदी में दिल्ली की आवासीय कालोनियों की गंदगी डाले जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि हरियाणा यमुना में ताजेवाला बांध से एकदम साफ पानी छोड़ता है, लेकिन दिल्ली की गंदगी यमुना में डाले जाने के कारण दक्षिण हरियाणा को यमुना का जो पानी आगरा और गुरुग्राम कैनाल के माध्यम से मिलता है, वह पूरी तरह दूषित व जहरीला होता है।

मनोहरलाल ने कहा कि इससे दक्षिण हरियाणा के फरीदाबाद, पलवल, गुरुग्राम व नूंह जिला बुरी तरह प्रभावित हैं। फरीदाबाद में तो यमुना के पानी को ही रेनीवेल योजना के माध्यम से पेयजल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और इन जिलों में सिंचाई के लिए भी आगरा और गुरुग्राम कैनाल का पानी ही इस्तेमाल होता है। दूषित पानी की सिंचाई से इन जिलों में फसलों की गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ा है। इसके अलावा आगरा व गुरुग्राम कैनाल में दिल्ली की गंदगी से इन जिलों का भू-जल भी दूषित हो रहा है।

मनोहर लाल ने बताया कि यमुना चूंकि कृष्णनगरी मथुरा और वृंदावन में करोड़ों लोगों के लिए आस्था व श्रद्धा से भी जुड़ी है, इसलिए वहां के लोगों ने भी उनसे मथुरा प्रवास के दौरान यमुना में गंदगी की शिकायत की थी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली सरकार को आदेश दे कि वह यमुना नदी में किसी भी तरह की गंदगी न डाल जाने से राेके।

उन्‍होंने कहा कि यमुना की स्वच्छता के लिए केंद्र सरकार व दिल्ली सरकार संयुक्त अभियान चलाएं ताकि हरियाणा को स्वच्छ जल मिल सके। मुख्यमंत्री ने केजरीवाल सरकार को नसीहत भी दी कि दिल्ली की गंदगी साफ करने के लिए दिल्ली सरकार को पर्याप्त मात्रा में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने चाहिए। बता दें कि इससे पहले हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग के अधिकारी भी पानी की किल्लत दूर करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड को पुराने जलशोधन संयंत्र भी बदलने की नसीहत दे चुके हैं।

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