बेहद मशहूर है चवन्नीलाल हलवाई का कचौरा, दुबई-अमेरिका तक डिमांड!

भारत में फूडीज की कमी नहीं है. अगर किसी जगह की कोई डिश पसंद आ जाए तो लोग कई हजारों किलोमीटर का सफर तय कर लेते हैं. वैसे भी भारत में हर राज्य की अपनी एक स्पेशल डिश होती है. कई राज्यों की पहचान उनके खाने से भी की जाती है. राजस्थानी खाने के कई लोग दीवाने हैं. अब भारत के कई राज्यों में ऐसे रेस्त्रां खुल गए हैं, जहां पारंपरिक राजस्थानी खाना सर्व किया जाता है. लेकिन जो बात ओरिजनल शहर जाकर वहां का जायका लेने में है, वो और भला कहां है?

राजस्थान आएं हो और नसीराबाद के चवन्नीलाल हलवाई का कचौरा नहीं खाया तो क्या खाया? अब आप सोच रहे होंगे कि कचौरी तो खाई जाती है. भला ये कचौरा क्या चीज है? आपको बता दें कि राजस्थान में चवन्नीलाल हलवाई द्वारा बनाए जाने वाली कचौरियों का साइज इतना बड़ा होता है कि लोग इसे कचौरा ही बुलाते हैं. इसकी एक पीस खाने में आपकी हवा टाइट हो सकती है. ये इतनी बड़ी होती है कि अकेले खत्म कर पाना काफी चैलेंजिंग हो जाता है.

ऐसे होती है तैयार
चवन्नीलाल हलवाई के इस कचौरा की चर्चा अमेरिका से लेकर दुबई तक है. इसे दुनिया की सबसे बड़ी कचौरी भी कहा जाता है. एक कचौरा का वजन आठ सौ ग्राम तक होता है. इसे दो फ्लेवर्स में बनाया जाता है. एक प्याज और एक दाल. एक पीस कचौरा सौ रुपए में मिलता है. इसे खाने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. इसे बनाने वाले हलवाई का कहना है कि ये कचौरा दस दिन तक खराब नहीं होता. इसे आप कहीं भी ट्रेवल करने के दौरान ले जा सकते हैं.

आधे घंटे तक होता है फ्राई
इतने बड़े कचौरे को फ्राई करने में आधा घंटा समय लगता है. इतनी देर में इसके अंदर का सारा मसाला पक जाता है. यहां लोगों की भीड़ लगी रहती है. कई लोगइसे पैक करवा कर विदेश भी ले जाते हैं. सोशल मीडिया पर जब इस कचौरे का वीडियो शेयर किया गया, तो कई लोगों ने इसके स्वाद की पोल खोल दी. कई लोगों ने लिखा कि इसमें काफी तेल होता है और स्वाद कुछ ख़ास नहीं है. वहीं कई यूजर्स के मुताबिक़, इसे खाने के बाद फैटी लीवर तो कन्फर्म है.

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