पटना.शास्त्रीनगर थाना इलाके के शिवपुरी स्थित आशा निवास में अपराधियों ने रविवार को दिनदहाड़े 65 साल की महिला आशा देवी की चाकू से गोदकर हत्या कर दी। हत्यारों ने आशा की छाती और उसके आसपास और चेहरे पर वार किया। यही नहीं आशा की दोनों आंखों को भी फोड़ डाला। हत्यारों ने महिला के हाथ-पैर बांधकर पूरी वारदात को नृशंस तरीके से अंजाम दिया। आशा मूल रूप से नालंदा की रहने वाली थीं और उनके पति रामानंद सिंह शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त हुए थे।
हत्यारे ने ही फोन कर दी घटना की जानकारी…
– बताया गया कि तकरीबन तीन साल पहले गंभीर बीमारी से उनके पति की मौत हो गई थी।
– घटना की सूचना मिलने के बाद सिटी एसपी मध्य डी अमरकेश और शास्त्रीनगर थाना प्रभारी निहार भूषण तत्काल मौके पर पहुंच पड़ताल शुरू कर दी।
– एफएसएल की टीम ने मौके से साक्ष्य जुटा लिया है। सिटी एसपी ने कहा कि मामले की छानबीन की जा रही है। हत्यारे को तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा, पुलिस को अहम साक्ष्य हाथ लगे हैं।
हत्यारे ने ही फोन कर दी घटना की जानकारी
– घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी ने उषा देवी के फोन से ही जमालपुर में रह रही उनकी छोटी बेटी निशा को 1.50 बजे फोन किया।
– निशा ने जब फोन नहीं उठाया तो उसने ग्राउंड फ्लोर पर रह रहे छात्र शुभम को फोन कर कहा कि आंटी ऊपर गिर गई हैं, देखा आओ।
– शिवम ने बताया कि इस बात की जानकारी उसने आशा की गोतनी उमा देवी को दी और दोनों ऊपर देखने चले गए।
एक पहचान वाले के साथ दो से अधिक संख्या में थे हत्यारे
शक :अपनों पर ही, क्योंकि वह घर का गेट बंद रखती थीं। कोई अपना हो तभी खोलती थीं।
शिनाख्त :पहचान वाले को लेकर आए। हत्या के बाद मृतका के मोबाइल से परिजनों को खबर दी।
संपत्ति :संपत्ति दोनों बेटी के नाम कर दी थी। आशंका है कि इसी खुन्नस में हत्या की गई है।
इन्वेस्टिगेशन
घटना को देखकर साफ हो गया है कि किसी पारिवारिक सदस्य ने ही महिला की हत्या की है। पुलिस इसे संपत्ति के विवाद से भी जोड़कर देख रही है। पता यह भी चला है कि महिला अपने घर का दरवाजा हमेशा बंद रखती थी। उनकी आदत में शुमार था कि जब भी कोई आता था तो वह उसका नाम पूछती थी और पहचानने के बाद दरवाजा खोलती थीं। इससे इतना तो स्पष्ट है कि अपराधियों के साथ कोई उनका संबंधी भी आया था, जिसे पहचानने के बाद ही महिला ने दरवाजा खोला। अपराधियों ने पहले महिला का हाथ पांव बांधा उसके बाद उसे बिस्तर पर ले जाकर चाकुओं से कई जगह पर गोद दिया। आश्चर्य की बात तो यह है कि किसी ने चीख तक नहीं सुनी। पुलिस ने देखा कि आलमीरा खुला हुआ था और कमरे का सामान भी बिखरा था। घटना के बाद हत्यारे हथियार भी साथ लेते गए। बेडरूम से लेकर सीढ़ी तक खून गिरे हुए थे। एफएसएल की टीम ने भी बताया कि दरवाजा जबरदस्ती या धक्का देकर नहीं खोला गया है।
बाहर से बंद था फ्लैट, रस्सी से बंधे थे आशा के हाथ-पांव
उषा देवी का फ्लैट बाहर से बंद था। गेट खोलकर अंदर गए तो देखा पूरे फर्श पर खून के छीटें बिखरे पड़े हैं। आशा देवी अपने बेडरूम में बिस्तर पर मुंह के बल मृत पड़ी हुई थीं। उनके हाथ-पांव रस्सी से बंधे थे। शुभम ने बताया कि इसके बाद घटना की जानकारी डायल 100 पर दी। हत्यारा आशा का मोबाइल भी लेते गया। पुलिस आशा देवी के मोबाइल का डिटेल निकाल रही है।
दो रेंटर और गोतनी-देवर के साथ रहती थी आशा
आशा को सिर्फ दो बेटी ही है। बड़ी बेटी सुजाता बैंक में कार्यरत पति रितेश के साथ जयपुर में रहती है। वहीं उनकी छोटी बेटी निशा पति अमित के साथ जमालपुर में रहती है। उसके पति रेलवे में इंजीनियर हैं। दो फ्लोर के मकान को आशा ने अपने दोनों बेटियों के बीच बंटवारा कर दिया था। बगल के फ्लैट में गोतनी रहती है और सेकेंड फ्लोर पर भी एक रेंटर है।
उमा ने कहा-सुबह दीदी बोली थी आटा-चावल मंगवा देना
उमा अपने पति महेंद्र के साथ वहीं रहती हैं। उमा ने बताया कि सुबह 8 बजे दीदी बर्तन देने आई थीं और कहा था कि आटा, दाल और चावल खत्म हो गया है। मंगवा देना। उनके फुफेरे भतीजे बबलू ने बताया कि परसों ही वह आशा के दांत का ऑपरेशन करवाया था। पुलिस लाश को अपने कब्जे में ले ली है और उनकी बेटियों के आने का इंतजार कर रही है।