40 प्रतिशत भारतीय सिगरेट, गांजा, ई-सिगरेट, और ऑनलाइन जुआ पर चाहते है पूर्ण प्रतिबंध

लोकप्रिय मोबाइल गेम प्लेयरअननोन्स बैटलग्राउंड (पीयूबीजी) पर गुजरात में प्रतिबंधों को लेकर पैदा हुए विवाद के बीच एक नए अध्ययन में पाया गया है कि लगभग 40 प्रतिशत भारतीय सिगरेट, गांजा, ई-सिगरेट, हिंसक वीडियो गेम्स और ऑनलाइन जुआ पर पूर्ण प्रतिबंध चाहते हैं.

मार्केट रिसर्च फर्म, इप्सोस द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार,68 प्रतिशत प्रतिभागियों ने संयम के साथ सोशल मीडिया के उपयोग का समर्थन किया, वहीं 62 प्रतिशत ने पैकेटबंद नमकीन का संयम के साथ उपभोग का समर्थन किया, जबकि 57 प्रतिशत शहरी भारतीयों ने संयम के साथ मीठे सॉफ्ट ड्रिंक के उपयोग का समर्थन किया.

इप्सॉस पब्लिक अफेयर्स, कॉरपोरेट रिपुटेशन एंड कस्टमर एक्सपीरियंस में सर्विस लाइन लीडर, पारिजात चक्रवर्ती ने एक बयान में कहा, “दोष को ज्यादातर सामाजिक कलंक के रूप में परिभाषित किया जाता है और सर्वे इस बात को सत्यापित करता है कि क्या सामाजिक रूप से स्वीकार्य है और क्या स्वीकार्य नहीं है और खेल के नियम बदलने वाले नहीं लगते.”

ये परिणाम भारत में 26 नवंबर और सात दिसंबर, 2018 के बीच 1000 लोगों पर किए गए एक सर्वेक्षण पर आधारित है.

इप्सॉस हेल्थकेयर (एचईसी) इंडिया में कंट्री सर्विस लाइन हेड, मोनिका गंगवानी ने कहा, “संयम चाकलेट, नमकीन और मीठे सॉफ्ट पेय के लिए भी जरूरी है. इन चीजों के अधिक इस्तेमाल स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है, और मोटापा, रक्तचाप और मधुमेह की समस्या हो सकती है.”

अध्ययन में कहा गया है कि मात्र 36 प्रतिशत भारतीय महसूस करते हैं कि गांजा का चिकित्सा महत्व है और मात्र लगभग 39 प्रतिशत भारतीय इस बात से सहमत हैं कि गांजा चिकित्सा उपयोग के लिए वैध होना चाहिए.

अध्ययन में कहा गया है कि लगभग 45 प्रतिशत भारतीय महसूस करते हैं कि ई-सिगरेट और वैपिंग डिवाइसेस का इस्तेमाल अगले 10 वर्षो में बढ़ेगा.

Back to top button