हर इंसान को जरुर पता होना चाहिए जीवन में चांदी का महत्व, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार…

चांदी हमारे जीवन की  मुख्य धातु है। सभी  धातुओं में चांदी अत्यंत शुभ  और पवित्र  धातु मानी जाती है,शास्त्रों अनुसार चांदी भगवान शिव के नेत्रों से उत्पन्न हुयी है। भारतीय ज्योतिष अनुसार चांदी चन्द्रमा  और शुक्र से सम्बन्ध रखती है।
 
चिकित्सा क्षेत्र:
चांदी हमारे शरीर में जल और कफ को नियंत्रित करने में सहायक है, चांदी माध्यम अर्थात ज्यादा मूल्यवान धातु नही है, जिसका मन चंचल अर्थात अस्थिर हो तो चांदी उसे स्थिर करने में सहायता देती है, मन का कारक चंद्रमा तथा चांदी भी मन को नियंत्रित कर सकने की क्षमता रखती है।
ज्योतिष क्षेत्र:
चांदी का उपयोग से मन मजबूत होता है तथा मस्तिष्क भी तेज़ बनता है और चांदी धारण करने से जन्म कुंडली में चन्द्रमा के दोष दूर होते है। शुक्र को भी बलवान करने में ज्योतिष उपाय अनुसार चांदी का ही प्रयोग करते है।

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चांदी को सबसे छोटी कनिष्ठ ऊँगली में धारण करना बहुत अधिक लाभ देता है, इसमें चंद्रमा की ताकत है इसके कारण मन स्थिर होता है तथा चांदी की चैन भी गले में धारण की जाती है। चैन पहनने से भाषण शक्ति आने लगती है तथा वाणी में मिठास आने लगता है, ये हारमोंस को कंट्रोल करने में सहायक है।
चांदी के कंगन धारण करने से खांसी, गठिया तथा पित्त सम्बन्धी रोग नियंत्रित होने लगते है। चांदी  के गिलास में पानी पीने से सर्दी की समस्या को ठीक किया जा सकता है। चांदी की कटोरी में रखा हुआ शहद अमृत के समान हो जाता है।
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