सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में अपने तर्कों को साबित करने में नाकाम रही सीबीआई : कोर्ट

सोहराबुद्दीन मामले में 22 आरोपियों को बरी करने वाली सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले में कहा कि मुख्य जांच अधिकारी आरोपियों के आर्थिक और राजनीतिक लाभार्थी होने के तर्क को साबित करने में नाकाम रहे। इस बात को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है कि सोहराबुद्दीन की हत्या के एवज में आरोपियों को राजनीतिक या आर्थिक लाभ मिला था।सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में अपने तर्कों को साबित करने में नाकाम रही सीबीआई : कोर्ट

सीबीआई के आदेश की विस्तृत कॉपी सोमवार को जारी की गई। अपने आदेश में न्यायाधीश शर्मा ने कहा कि उनके पूर्वाधिकारी (न्यायाधीश एमबी गोस्वामी) ने आरोपी संख्या 16  (भाजपा अध्यक्ष अमित शाह) की अर्जी पर आरोपमुक्त आदेश जारी करते हुए कहा था कि जांच राजनीति से प्रेरित थी।

फैसले में कहा गया है, ‘मेरे सामने पेश किए गए तमाम सबूतों और गवाहों के बयानों पर करीब से विचार करते हुए मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि सीबीआई जैसी एक शीर्ष जांच एजेंसी के पास एक पूर्व निर्धारित सिद्धांत और पटकथा थी, जिसका मकसद राजनीतिक नेताओं को फंसाना था। कोर्ट ने यह भी कहा कि गवाहों के शुरूआती बयानों में राजनीतिक षड्यंत्र की बात नहीं थी मगर फिर सालों बाद षड्यंत्र की बात आई गई।

सीबीआई ऐसे किसी भी षड्यंत्र के होने की बात को साबित करने में नाकाम रही। कोर्ट ने यह भी कहा कि गवाहों को प्रलोभन देने की बात भी नहीं साबित हो सकी। कोर्ट ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में आरोपियों को बरी करने के आलावा उनके पास कोई और चारा नहीं है। कोर्ट ने कहा कि गुजरात, राजस्थान और आंध्र प्रदेश के जूनियर लेवल पुलिस अधिकारी अपनी ड्यूटी निभा रहे थे और चार्जशीट दाखिल करने से पहले धारा 197 के अंतर्गत इनसे पूछताछ करके बयान दर्ज होने चाहिए थे। 

2005 में हुआ था एनकाउंटर

गौरतलब है कि तीनों लोग (मृतक) हैदराबाद से एक बस में महाराष्ट्र के सांगली लौट रहे थे, जिन्हें 22-23 नवंबर 2005 की रात एक पुलिस टीम ने कथित तौर पर हिरासत में ले लिया और दंपती को एक वाहन में ले जाया गया जबकि प्रजापति को दूसरे वाहन में ले जाया गया।

सीबीआई के मुताबिक 26 नवंबर 2005 को सोहराबुद्दीन शेख को कथित तौर पर गुजरात और राजस्थान पुलिस की एक संयुक्त टीम ने मार गिराया और तीन दिन बाद कौसर बी मारी गई। प्रजापति 27 दिसंबर 2006 को गुजरात – राजस्थान सीमा पर एक मुठभेड़ में मारा गया।

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