अयोध्या केस को लेकर सुप्रीमकोर्ट का बड़ा झटका, कहा- संभव नहीं जल्द सुनवाई

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या केस की सुनवाई जल्द करने से इनकार कर दिया है। बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने जल्द सुनवाई की अर्जी पर अपना फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जल्द सुनवाई संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि विवाद पर आपसी सहमति से फैसला हो। आज सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी की मांग ठुकरा दिया है।सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट स्वामी की याचिका की सुनवाई में दिया फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में दोनों पक्षकारों को और समय देने की जरुरत है। पक्षकार वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि स्वामी कोई पार्टी नहीं हैं, मामले का फैसला सुप्रीम कोर्ट को ही करने दें। उन्होंने कहा कि किसी तीसरे व्यक्ति के कहने पर जल्द सुनवाई नहीं हो सकती, यह एक बड़ा फैसला है।

पिछली सुनवाई में सुप्रीमकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की बेंच ने मामले से जुड़े पक्षकारों से कहा था कि आपसी सहमति से मसले का हल निकलाने की कोशिश की जानी चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर जरुरत पड़ी तो वो मध्यस्थता के लिए भी तैयार हैं। कोर्ट ने इस विवाद से जुड़े सभी पक्षों को कहा था कि 31 मार्च तक अपना अपना पक्ष कोर्ट में रख दें। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 2010 में जन्मभूमि विवाद में फैसला सुनाते हुए जमीन को तीनों पक्षकारों में बांटने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने जमीन को रामलला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड में बराबर बराबर बांटने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सभी पक्षकारों ने सुप्रीमकोर्ट में अपीलें दाखिल कर रखी हैं जो कि पिछले छह साल से लंबित हैं।

सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को स्वीकार किया है। केंद्रीय कानून राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने कहा था कि वो अदालत की इच्छा का स्वागत करते हैं और इस विवाद को अदालत से बाहर सुलझाने की कोशिश करेंगे।

गौरतलब है कि इस मामले को पहले भी कई बार कोर्ट के बाहर विवाद सुलझाने की कोशिश की गयी लेकिन मामला कहीं न कहीं फंस जाता। अब एक बार फिर अदालत ने पक्षकारों पर फैसला छोड़ा है। आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान तय होगा कि दोनों पक्ष क्या चाहते है।

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