राहुल द्रविड़ भी इनकी विकेटकीपिंग के फैन, बोला था- धोनी के बाद तुम बेस्ट

जयपुर.क्रिकेट से विदा लेते समय दिशांत याग्निक को टीम की ओर से एक फोटोग्राफ दिया गया। इस फोटोग्राफ पर टीम के सभी साथियों के हस्ताक्षर थे। इस फोटोग्राफ पर ऊपर की तरफ दिशांत की फोटो लगी थी। इस पर लिखा था ‘वी मिस यू’। जब दिशांत को यह फोटोग्राफ दिया जा रहा था उस समय वे खुद को रोक नहीं पाए। उनकी आंखों से आंसू झलक आए। ऐसा हो भी क्यों न। 15 साल के अपने क्रिकेट करियर को अलविदा जो कर रहे थे विकेटकीपर बल्लेबाज दिशांत। साथियों से विदा लेने और एसएमएस स्टेडियम को मिस करने का गम उनके चेहरे पर साफ नजर रहा था। करियर के बेस्ट मुमेंट…राहुल द्रविड़ भी इनकी विकेटकीपिंग के फैन, बोला था- धोनी के बाद तुम बेस्ट

01- 2011 में जब हम चैंपियन बने थे। उस सीरीज में क्वार्टर फाइनल में हैदराबाद के खिलाफ 70/5 विकेट होने के बाद सेंचुरी बनाना आकाश चोपड़ा दूसरे छोर पर मेरे साथ थे।
02- 2004-05 में सौराष्ट्र के खिलाफ रणजी मुकाबले में विकेट के पीछे सात कैच पकड़ना। यहां से मुझे कांफीडेंस आया कि मैं लंबा खेल सकता हूं।
03-हरियाणा के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में क्रूशियल मूमेंट पर दो कैच पकड़े थे। आकाश चोपड़ा और ऋषिकेश कानितकर ने कहा था कि हमने अपनी लाइफ में ऐसे कैच नहीं देखे।
04- राजस्थान रॉयल की ओर से खेलते हुए फास्टेस्ट स्टंप किया था तब राहुल द्रविड़ और शेन वाटसन का यह कहना कि एमएस धोनी के बाद मैं बेस्ट विकेटकीपर हूं।
05- आईपीएल में इसी सवाई मानसिंह स्टेडियम में अशोक मेनारिया की गेंद पर सचिन तेंदुलकर को स्टंप करना भी मेरे करियर के बेस्ट मूमेंट में शामिल है।

3 शतक के साथ दी शानदार विदाई

टीम का हर साथी दिशांत को यादगार विदाई देना चाहता था। जीत के साथ विदाई तो नहीं दे पाई टीम लेकिन टीम राजस्थान के तीन खिलाड़ियों अमित गौतम, चेतन बिष्ट और राजेश बिश्नोई (सीनियर) ने दूसरी पारी में शतक जमा दिशांत की क्रिकेट से विदाई को यादगार बना दिया।

मैदान पर कोई नहीं पहुंचा आरसीए से

15 साल तक जिस व्यक्ति ने राजस्थान के लिए क्रिकेट खेली हो वह जरूर चाहेगा कि आरसीए का कोई कोई पदाधिकारी विदाई के समय मौजूद हो और दो शब्द कहे। लेकिन मैदान पर उस समय आरसीए से कोई मौजूद नहीं था। बाद में आरसीए एकेडमी में आर.एस. नांदू ने उन्हें बुके देकर सम्मानित किया। टीम राजस्थान ने भी याग्निक को सम्मानित किया।

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पंकज सिंह के साथ किया रणजी का आगाज

दिशांत कहते हैं कि मैंने पंकज के साथ 13 साल पहले सर्विसेज के खिलाफ रणजी करियर की शुरुआत की थी। टीम में वे मेरे सबसे अच्छे दोस्त रहे। पंकज के अलावा नरेश गहलोत मेरे बेस्ट फ्रेंड रहे। पंकज के कारण ही मुझे करियर के आखिरी रणजी मैच में कप्तानी का मौका मिला। थैंक-यू पंकज।

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