योग दिवस के लिए चल रही है धमाकेदार तैयारी, 172 देशों में ऐसे एक साथ किया जाएगा योग

21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पूरी दुनिया के 172 देशों में एक साथ मनाया जाएगा। इसमें सभी प्रमुख मुस्लिम देश भी शामिल हैं। विदेशों में योग दिवस पर होने वाले सभी प्रमुख कार्यक्रम भारतीय दूतावासों में आयोजित किये जाएंगे। इसके अलावा अन्य संगठनों की मदद से भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कार्यक्रम के लिए संयुक्त राष्ट्र की ओर से हर साल 21 जून की तारीख घोषित की गई है, लेकिन लोगों की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विदेशों में इसे 15 जून से 23 जून के बीच कभी भी आयोजित करने के लिए कहा गया है। संयुक्त राष्ट्र में भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए विशेष तैयारी की गई है। संयुक्त राष्ट्र की तरफ से मुख्य कार्यक्रम इसके मुख्यालय में आयोजित किया जाएगा जबकि इसकी अन्य सहयोगी संस्थाएं अपने-अपने अनुसार कार्यक्रम बनाकर योग दिवस मनाने की तैयारी कर चुकी हैं।

भारत करता है सहयोग

आइसीसीआर के महानिदेशक अखिलेश मिश्रा ने अमर उजाला को बताया कि विदेशों में आयोजित होने वाले योग कार्यक्रमों के लिए भारत विशेष मदद उपलब्ध कराता है। इसमें आंशिक आर्थिक सहयोग के साथ-साथ तकनीकी मदद भी शामिल होती है। भारत की तरफ से आईसीसीआर सभी इच्छुक देशों को अपने खर्च पर प्रशिक्षित योग शिक्षक उपलब्ध करवाता है। योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति आईसीसीआर के माध्यम से दो-दो वर्ष के कार्यकाल के लिए की जाती है। इस समय कुल 87 देशों में आईसीसीआर के योग शिक्षक विदेशियों को योग का प्रशिक्षण दे रहे हैं।

पति के अलावा किसी और से सेक्स करने वाली महिलाए जरुर पढ़े ये खबर, कैसे जीवन में…

भारत में विदेशी राजनयिकों के लिए कार्यक्रम

अखिलेश मिश्रा ने बताया कि देश में काम कर रहे सभी विदेशी राजदूतों के लिए 21 जून को प्रवासी भारतीय केंद्र, नई दिल्ली में विशेष योग कार्यक्रम रखा गया है। इसमें सभी देशों के राजदूतों को आमंत्रित किया गया है। यह कार्यक्रम विदेश मंत्रालय और आईसीसीआर के सहयोग से किया जा रहा है। कार्यक्रम में विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी भी भाग ले सकते हैं। 

योग से भारत एक ब्रांड बना

मालदीव में भारत के राजदूत रह चुके अखिलेश मिश्रा ने बताया कि योग पहले से ही पूरी दुनिया में प्रचलित था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के कारण यह विशेष ख्याति पाने में सफल रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने योग के लिए 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित कर इसकी सफलता में बड़ा सहयोग दिया है। योग के कारण भारत की पूरी दुनिया में विशेष पहचान कायम हुई है। पहले विदेशों में आयुर्वेद को बहुत अधिक स्वीकार्यता नहीं मिली थी, लेकिन योग की सफलता ने आयुर्वेद जैसी भारतीय चिकित्सा पद्धति को भी स्थापित करने में बहुत मदद की है। विदेशी वैज्ञानिक अब आयुर्वेद के उपायों को सिरे से खारिज करने की बजाय उस पर शोध करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। यही वजह है कि अनेक गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए आयुर्वेदिक रास्ते खुल रहे हैं। इस तरह योग ने सिर्फ अपने लिए ही नहीं, बल्कि अन्य भारतीय पद्धतियों के लिए भी पहचान और स्वीकार्यता दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। 

उन्होंने बताया कि योग के कारण भारतीय युवाओं को रोजगार के मामले में भी बड़ा रास्ता खुला है। योग में प्रशिक्षित युवा अब 30-40 हजार रुपये से लेकर लाखों रुपये प्रति माह कमा रहे हैं। जड़ी-बूटियों की खेती को प्रोत्साहन देकर हमारे गरीब किसानों की माली हालत भी सुधारी जा सकती है। केंद्र सरकार जिस तरह योग और आयुर्वेद को प्रमुखता दे रही है, आने वाले समय में यह भारत की अर्थ व्यवस्था की रीढ़ बन सकती है।

Back to top button