माँ काली की पूजा के दौरान जरूर बरते यह सावधानियां वरना हो सकता है अशुभ
कहते हैं माँ काली की पूजा के दौरान बहुत सी सावधानिया रखनी चाहिए क्योंकि जरा सी भी चूक हो तो माँ रूठ जाती हैं और श्राप दे देती हैं. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं माँ काली की पूजा के दौरान क्या क्या सावधानिया बरतनी चाहिए. आप सभी को बता दें कि मां काली शक्ति सम्प्रदाय की सबसे प्रमुख देवी हैं, जिस तरह संहार के अधिपति शिव जी हैं उसी प्रकार संहार की अधिष्ठात्री देवी मां काली हैं. ऐसे में शक्ति के कई स्वरूप हैं. वहीं शुम्भ-निशुम्भ के वध के समय मां के शरीर से एक तेज पुंज बाहर निकल गया था और फलस्वरूप उनका रंग काला पड़ गया और तभी से उनको काली कहा जाने लगा. अब आइए जानते हैं बरतने वाली सावधानियां.
सावधानियां – कहा जाता है मां काली की उपासना दो प्रकार से होती हैं- सामान्य पूजा और तंत्र पूजा. इसमें सामान्य पूजा कोई भी कर सकता है क्योंकि वह बहुत सरल मानी जाती है. वहीं तंत्र पूजा बिना गुरु के संरक्षण और निर्देश के नहीं की जा सकती है क्योंकि वह बहुत कठिन होती है. इसी के साथ मां काली की उपासना का सबसे उपयुक्त समय मध्य रात्रि का माना जाता है और शुक्रवार के दिन पवित्र होकर हल्के लाल या गुलाबी वस्त्र पहनकर माता के मंदिर में जाकर गुग्गल की धूप जलाने के बाद गुलाब के फूल चढ़ाएं और माता की मूर्ति के समक्ष बैठकर अपनी समस्याओं के खत्म करने की प्रार्थना कर सकते हैं.
वहीं कहते हैं मां काली की उपासना में लाल और काली वस्तुओं का विशेष महत्व माना जाता है और इस रंग की ही वस्तुएं अर्पित की जाती है. इसी के साथ मां काली की उपासना शत्रु और विरोधी को शांत करने के लिए करनी चाहिए और किसी के नाश अथवा मृत्यु के लिए मां की उपासना नहीं करनी चाहिए क्योंकि वह सफल नहीं हो पाती है.