अयोध्या केस: फैसले आने से पहले जरुर पढ़े ये खबर, देश के हर नागरिक के लिए बेहद जरुरी

राम मंदिर- बाबरी मस्जिद मामले में फैसले पर पूरे देश की निगाहें गड़ी हैं. इस एक फैसले से सालों पुराने मामले का निस्तारण होना है. आइए फैसले से पहले जानें राममंदिर मामले में हिन्दू-मुस्लिम पक्षकार कौन हैं. साथ ही इस मुकदमे में कितनी अपीलें दायर हैं.

आपको बता दें कि दरअसल अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में 14 अपील दायर हैं. इनमें 8 याचिकाएं मुस्लिम पक्षकारों की ओर से और 6 हिंदू पक्षकारों की तरफ से हैं. जबकि दोनों समुदायों की ओर से 6-6 पक्षकार हैं.

इसमें मुस्लिम पक्षकारों की तरफ से दायर अपील सभी हिंदू पक्षकारों के खिलाफ है. दूसरी वहीं हिंदू पक्षकारों की अपील ज्यादातर हिंदू पक्षकारों के खिलाफ हैं.

ये हैं मुख्य पक्षकार

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पहला पक्ष- मस्जिद के अंदर विराजमान भगवान राम, जिनके पैरोकार विश्व हिंदू परिषद है. परिषद ने इस मामले में मस्ज‍िद के अंदर भगवान राम के विग्रह होने की बात कहकर अपना पक्ष रखा था.

वहीं दूसरा पक्ष सनातन हिंदुओं की संस्था निर्मोही अखाड़ा है. अखाड़ा बीते सवा सौ साल से इस स्थान पर राम मंदिर बनाने की कानूनी लड़ाई लड़ रहा है.

इस मामले में तीसरा पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड है, जिसमें कुछ स्थानीय मुस्लिम है. वहीं अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट सुब्रमण्यम स्वामी और वसीम रिजवी की याचिका समेत कुल 32 याचिकाओं को खारिज कर चुकी है. इन याचिकाओं में अपर्णा सेन, श्याम बेनेगल और तीस्ता सीतलवाड़ की याचिकाएं भी शामिल थी.

बता दें कि दशकों से चल रहे अयोध्या के रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद केस अब अपने अंतिम दौर में है. सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को इस विवाद पर आखिरी बहस हो रही है.

 

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