ट्रंप ने जीएसपी दर्जा वापस लेने के लिए अमेरिकी कांग्रेस को लिखा पत्र

अमेरिका ने आर्थिक मोर्चे पर भारत को झटका देने की तैयारी कर ली है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को मिले जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज (जीएसपी) का दर्जा खत्म करने के लिए सोमवार को पत्र लिखा है। उन्होंने भारत के साथ बढ़ते व्यापार घाटे का हवाला देते हुए यह कदम उठाने की बात कही है।ट्रंप ने जीएसपी दर्जा वापस लेने के लिए अमेरिकी कांग्रेस को लिखा पत्र

डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि भारत अपने बाजार में अमेरिका को बराबर और उचित भागीदारी देने को लेकर आश्वस्त करने में विफल रहा है। भारत को टैरिफ किंग बताने वाले ट्रंप ने कहा कि यहां अमेरिकी उत्पादों पर भारी-भरकम आयात शुल्क लगता है, जिससे अमेरिका के साथ उसका व्यापार घाटा बढ़ता जा रहा है। अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की स्पीकर नैंसी पैलोसी को लिखे पत्र में ट्रंप ने कहा कि मैं यह कदम इसलिए उठाने जा रहा हूं, क्योंकि भारत सरकार के साथ कई स्तर की बातचीत के बाद यह निष्कर्ष निकला है कि उसके साथ तरजीही कारोबार को खत्म किया जाए।

नई दिल्ली यह आश्वासन देने में विफल रही है कि अमेरिका को उसके बाजार बराबर का मौका मिलेगा। भविष्य में हम भारत के जीएसपी दर्जे का विश्लेषण करते रहेंगे। ट्रंप ने भारत के साथ तुर्की से भी जीएसपी दर्जा वापस लेने के लिए पत्र लिखा है। नोटिफिकेशन जारी होने के दो महीने बाद यानी मई से यह नया कानून लागू हो सकता है।

इसलिए उठाया कदम

ट्रंप का कहना है कि भारत को कम आयात शुल्क पर व्यापार का मौका देने और वहां के बाजारों में अमेरिकी उत्पादों पर भारी-भरकम शुल्क लगाने से व्यापार घाटा बढ़ रहा है। भारत अमेरिका के साथ ट्रेड सरप्लस वाला 11वां सबसे बड़ा देश है। यानी भारत का अमेरिका को निर्यात वहां से होने वाले आयात से ज्यादा है। 2017-18 में भारत का अमेरिका के प्रति सालाना ट्रेड सरप्लस 21 अरब डॉलर (करीब 1.48 लाख करोड़ रुपये) था।

आर्थिक विकास के लिए है जीएसपी

जीएसपी यानी जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज की शुरुआत अमेरिका ने वर्ष 1976 में विकासशील देशों में आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए की थी। इसके तहत चुनिंदा उत्पादों को आयात शुल्क मुक्त या मामूली टैरिफ पर अमेरिकी बाजारों में उतारने की अनुमति दी जाती है। अभी तक 129 देशों के करीब 4,800 उत्पादों को इसमें रखा गया है। इसमें मुख्य रूप से शामिल पशुपालन, मीट, मछली और हस्तशिल्प जैसे उत्पादों को आमतौर पर विकासशील देशों का उत्पाद माना जाता है।

ऑटो-टेक्सटाइल क्षेत्र होंगे प्रभावित

जीएसपी दर्जा खत्म किए जाने से भारत के ऑटो, टेक्सटाइल, केमिकल्स और इंजिनियरिंग क्षेत्रों के करीब 2,000 उत्पादों के निर्यात पर असर पड़ेगा। इन उत्पादों की अमेरिकी बाजार में बिना आयात शुल्क के बिक्री होती थी। भारत जीएसपी का सबसे बड़ा लाभार्थी है जबकि तुर्की इस मामले में पांचवें स्थान पर है।

जीएसपी मामले से निर्यात पर मामूली असर : भारत

केंद्रीय वाणिज्य सचिव अनूप वधावन ने कहा कि भारत का जीएसपी दर्जा खत्म किए जाने से हमारे निर्यात पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा। भारत ने वर्ष 2017-18 में अमेरिका को 48 अरब डॉलर (3.38 लाख करोड़ रुपये) मूल्य के उत्पादों का निर्यात किया था। इनमें से सिर्फ 5.7 अरब डॉलर यानी करीब 40 हजार करोड़ रुपये का निर्यात जीएसपी रूट के जरिये हुआ है, जिसमें सिर्फ 1.90 करोड़ डॉलर (1,339 करोड़ रुपये) कीमत की वस्तुएं ही बिना किसी शुल्क वाली श्रेणी में आती हैं। इससे साफ जाहिर है कि अमेरिका के इस फैसले का भारत पर बेहद मामूली असर होगा।

भारत को जीएसपी से मिलने वाले आर्थिक फायदे काफी सीमित हैं। अमेरिका अगले 60 दिन में जीएसपी को खत्म कर देगा, लेकिन भारत के साथ उसके रिश्ते मजबूत रहेंगे। अमेरिका से साझेदारी काफी बड़ी है।

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