परचून की दुकान चलाते थे रामनाथ कोविंद के पिता, पढ़ें- परिवार के बारे में

राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने जीत दर्ज कर ली है. इस जीत के साथ ये तय हो गया है कि रामनाथ कोविंद देश के 14वें महामहिम के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे. एक बेहद साधारण दलित परिवार में जन्मे कोविंद अब देश की सर्वोच्च इमारत रायसीना हिल्स में रहेंगे.

परचून की दुकान चलाते थे रामनाथ कोविंद के पिता, पढ़ें- परिवार के बारे में

यूपी में कानपुर देहात के परौख गांव में रामनाथ कोविंद का जन्म 1945 में हुआ था. कोविंद ने जिस गांव में आंखें खोलीं वहां ठाकुर और ब्राह्मण बहुसंख्यक थे. कोविंद के परिवार समेत महज चार दलित परिवार इस पूरे गांव में थे.

परचून की दुकान चलाते थे पिता

रामनाथ कोविंद के पिता मैकू लाल एक व्यापारी थे. वो परचून की दुकान चलाते थे. हालांकि परौख गांव में सिर्फ चार दलित परिवार थे, मगर कोविंद के पिता ‘गांव के चौधरी’ कहलाते थे. परचून की दुकान चलाने के अलावा कोविंद के पिता एक कपड़ा दुकान के मालिक भी थे. इसके अलावा वो वैद्य भी थे.

कोविंद के परिवार पिता के अलावा मां कलावती थीं. इनके अलावा कोविंद के चार भाई और तीन बहनें हैं.

योग के शौकीन रामनाथ कोविंद की पत्नी पत्नी सविता कोविंद रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी हैं. कोविंद के बेटे का नाम प्रशांत है और बेटी का नाम स्वाति है. कोविंद के परिवार में बाकी लोग सामान्य जीवन बिताते हैं. कोविंद के एक भाई मध्य प्रदेश में अकाउंट अफसर के पद से रिटायर हुए हैं. एक और भाई सरकारी स्कूल में टीचर हैं. बाकी अपना कारोबार करते हैं.

किराए पर रहते थे कोविंद

रामनाथ का परिवार बेहद सामान्य जीवन गुजारता था. खुद रामनाथ कोविंद ने भी अपने राजनीतिक जीवन से पहले बेहद साधारण अंदाज में जिंदगी व्यतीत की.1993 में परौख गांव से वह कानपुर शहर रहने आए और यहां पर वह कल्याणपुर इलाके के न्यू आजाद नगर में एक प्रोफेसर के घर किराए पर रहे. कोविंद यहां पर 30 रुपया किराया देते थे. करीब 12 साल तक कोविंद का परिवार यहां पर रहा और 2005 में इसी इलाके के दयानंद विहार में अपना मकान बनवा लिया.  

फिलहाल, एक परचून की दुकान चलाने वाले का बेटा आज देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन हो रहा है. रामनाथ कोविंद का पूरा परिवार जश्न में डूबा है. अब रामनाथ कोविंद 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे.

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