प्लेन लैंड होते वक्त ट्रे टेबल क्यों बंद करते हैं? एयर होस्टेस ने बताया कारण!

फ्लाइट में बैठते वक्त लोगों को कई ऐसे अनुभव होते हैं, जो काफी अनोखे और अजीबोगरीब होते हैं. कई बार फ्लाइट अटेंडेंट्स द्वारा कुछ नियम भी इसी प्रकार के बताए जाते हैं, जो अजीब लगते हैं, पर लोगों को ये नहीं मालूम होता है कि आखिर उनका कारण क्या है. इस वजह से वो उन नियमों का ठीक ढंग से पालन नहीं करते, और फ्लाइट कर्मी (Flight Attendant rules in plane) जब ऐसा होते देखते हैं तो उन्हें भी क्रोध आता है. अमेरिका की एक एयर होस्टेस को भी इसी वजह से काफी गुस्सा आता है, जब वो यात्रियों को उसके निर्देशों का उल्लंघन करते देखती है.

23 साल की हैना टेसन (Hannah Tesone) कोलाराडो में रहती हैं. डेली स्टार से बात करते हुए उन्होंने हाल ही में बताया कि उन्हें इस बात से बहुत गुस्सा आता है जब यात्री उनकी बातों का पालन नहीं करते. उन्होंने कहा कि जब यात्रियों को टेकऑफ या लैंडिंग के वक्त ट्रे टेबल बंद (Why tray tables closed during take off-landing) करने को कहा जाता है, या फिर जब उन्हें खिड़कियों पर लगे पर्दे उठाने या गिराने को कहा जाता है तो वो परेशान होते हैं और उन्हें नियमों को ना मानता देख हैना भी गुस्से में आ जाती हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को ये समझना चाहिए कि ये नियम किसी जरूरी वजह से होते हैं.

इस वजह से ट्रे टेबल को रखते हैं बंद
अब ट्रे टेबल वाले नियम को ही ले लीजिए, हैना के अनुसार ये नियम इसलिए होते हैं क्योंकि विमानों में सबसे ज्यादा हादसे लैंडिंग या टेकऑफ के वक्त ही होते हैं. ऐसे में अगर प्लेन में झटका लगने लगता है तो फिर यात्रियों को खुले ट्रे टेबल से चोट लग सकती है. इसी वजह से उसे बंद करने को कहा जाता है. इसके साथ ही विमान जब लैंड करता है या टेकऑफ करता है तो खिड़कियों के पर्दे भी इसी वजह से हटवाए जाते हैं जिससे अगर कोई हादसा हो, तो लोग उसे खिड़कियों से देख लें और खुद को उसके अनुसार तैयार कर लें.

फ्लाइट अटेंडेंट्स की होती हैं कई जिम्मेदारियां
हैना ने कहा कि उनका काम सिर्फ खाना सर्व करना नहीं होता है, ये भी देखना है कि कहीं यात्रियों के लिए कोई खतरा तो नहीं है. उन्हें प्लेन के उड़ान से पहले सुरक्षा उपकरणों को जांचना भी पड़ता है जो किसी भी तरह की इमर्जेंसी के वक्त काम आ सकें. आग हो या फिर प्लेन को पानी में लैंड करना हो, हर परिस्थिति के लिए फ्लाइट अटेंडेंट्स तैयार रहते हैं. इसके साथ ही वो यात्रियों के अजीब व्यवहार पर भी नजर रखती हैं, जिससे अगर किसी यात्री से खतरा महसूस हो तो वो जरूरी कदम उठा सकें.

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