पानी की बोतल को MRP से ज्यादा बेचने पर होगी जेल
अब पीने के पानी की बोतल पर एमआरपी से ज्यादा वसूलने वालों की खैर नहीं। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वह ऐसे दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी, जिसमें भारी जुर्माना और जेल की सजा तक के प्रावधान हैं।
फेडरेशन ऑफ होटल और रेस्त्रां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) की ओर से दायर एक याचिका के जवाब में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि छपी कीमत से ज्यादा पैसे वसूल करना उपभोक्ता के अधिकारों का हनन है। यहां तक कि ये टैक्स चोरी को बढ़ावा देता है।
सरकार ने कहा कि पानी की बोतलों पर छपी कीमत से ज्यादा पैसे वसूलने के चलन से सरकार को भी सर्विस टैक्स और एक्साइज ड्यूटी में नुकसान उठाना पड़ता है। मंत्रालय का कहना है कि प्री-पैक्ड या प्री-पैकेज्ड प्रॉडक्ट्स पर छपी कीमत से ज्यादा पैसे वसूलना लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट के तहत एक अपराध माना जाता है।
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गौरतलब है कि साल 2015 में हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने कीमत से ज्यादा पैसे वसूल रहे विक्रेताओं पर कार्रवाई करने के सरकार के अधिकार को सही ठहराया था। होटल एसोसिएशन की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी।
लीगल मेट्रोलॉजी अधिनियम की धारा 36 बताती है कि कोई भी व्यक्ति अगर किसी प्री-पैक्ड वस्तु को उस कीमत पर बेचते या वितरित करते हुए पाया जाता है जो कि पैकेज पर अंकित घोषणाओं के अनुरूप नहीं है उसे दंड दिया जा सकता है। उस पर पहले अपराध के रूप में 25,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। वहीं ऐसा अपराध दूसरी बार होने पर यह जुर्माना राशि 50,000 तक जा सकती है।
इसके अलावा बार बार इस तरह का अपराध करने पर 1 लाख तक का जुर्माना या फिर जेल की सजा का प्रावधान या फिर दोनों तरह के दंड दिए जा सकते हैं।