यूपी: पैरोल पाने के लिए लगाया बहन की शादी का फर्जी कार्ड, पढ़े पूरी खबर

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने आरोपी की पैरोल मंजूर कराने के लिए बहन की विवाह का फर्जी कार्ड लगाने वाले शपथकर्ता को आपराधिक अवमानना का नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जौहरी की खंडपीठ ने यह आदेश एकल पीठ से भेजे गए अवमानना मामले में दिया।

दरअसल, एकल न्यायाधीश की पीठ आरोपी प्रशांत कुमार सिंह की पैरोल अर्जी पर सुनवाई कर रही थी। इसमें आरोपी की सगी की बहन की शादी में उसे शामिल होने की बात कहकर पैरोल पर रिहा करने का आग्रह किया गया। एकल पीठ ने जब सरकारी वकील से जानकारी मंगवाई तो पुलिस के जरिये पता चला कि सात दिसंबर को आरोपी की सगी बहन के बजाय दूसरी लड़की की शादी थी।

गाजीपुर जिले के सोनवल गांव निवासी उसके माता-पिता का नाम भी अलग है। एकल पीठ ने पाया कि अर्जी के साथ हलफनामा देने वाले मनीष कुमार सिंह ने पैरोल दिलाने के लिए शादी का फर्जी कार्ड लगाया है। एकल पीठ ने अवमानना संबंधी इस मामले को सुनवाई के लिए दो न्यायाधीशों की खंडपीठ को भेज दिया।

खंडपीठ ने कहा कि पहली नजर में अर्जी के शपथकर्ता मनीष कुमार सिंह ने आपराधिक अवमानना की है। कोर्ट ने उसे कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न अवमानना का दोषी ठहराकर उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाए। कोर्ट ने मामले को 29 जनवरी को समुचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है।

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