फिजिक्स के टीचर का दावा, बना दिया है टाइम ट्रैवल का समीकरण!

टाइम ट्रैवल की धारणा नई नहीं है. इस पर कई तरह के शोध हुए हैं, और हो रहे हैं. वह शख्स विज्ञान को जानता ही नहीं होगा जो यह कहता होगा कि टाइम ट्रैवल एक फंतासी भर है. हाल ही में एक खगोलभौतिकविद रॉन मैलेट ने सालों के शोध के बाद दावा किया है कि उसने टाइम ट्रैवल का क्रांतिकारी समीकरण बना लिया है, यानी इक्वेशन बना ली है.

मैलेट लेखक वेल्स की इन पंक्तियों से प्रेरित थे कि वैज्ञानिक लोग जानते हैं कि समय एक प्रकार का स्पेस है. अगर हम स्पेस के दूसरे आयामों (डाइमेंशन) में जा सकते हैं, तो फिर समय में पीछे क्यों नहीं? ब्लैक होल और आइंस्टीन की सापेक्षता के दशकों की रिसर्च के बाद मैलेट ने अस्पताल में दिल के इलाज के दौरान टाइम ट्रैवल की इक्वेशन को बनाया.

अस्पताल में उन्हें अहसास हुआ कि ब्लैक होल ऐसा गुरुत्व क्षेत्र पैदा कर सकते हैं, जिससे समय के छल्ले बन सकते हैं, और हम समय में पीछे जा सकते हैं. उनका कहना है कि घूमते ब्लैक होल का बहुत अधिक गुरुत्व ऐसे भंवर बना सकता है, जहां समय पीछे जा सकता है. उनका उपकरण लेसर के छल्लों का उपयोग करेगा जैसा कि ब्लैक होल के स्पेस टाइम विकृति में छल्ले बनते हैं. और यही लेजर एक तरह की टाइम मशीन बन सकते हैं.

अस्पताल में मैलेट को अहसास हुआ कि ब्लैक होल ऐसा गुरुत्व क्षेत्र पैदा कर सकते हैं जिससे समय के गोले बन सकते हैं और हम समय में पीछे जा सकते हैं. उनका कहना है कि घूमते ब्लैक होल का बहुत अधिक गुरुत्व ऐसे भंवर बना सकता है जहां समय पीछे जाया जा सकता है. उनका उपकरण लेसर के छल्लों का उपयोग करेगा, जैसा कि ब्लैक होल के स्पेस टाइम विकृति में बनते हैं. और यही लेजर एक तरह की टाइम मशीन बन सकते हैं.

इस उपकरण के लिए इतनी अधिक ऊर्जा लगेगी जो फिलहाल हमारी संभावनाओं से परे है. मैलेट का दावा है कि उन्होंने पता लगा लिया है कि यह कैसे हो सकता है. शायद वे इसे अपने जीवन में बनते ना देख सकें, लेकिन मशीन बनने के बाद भी उसी समय में पीछे जाया जा सकेगा, जो इस मशीन के बनने के बाद का है. मैलेट कोई काल्पनिक लेखक नहीं है, बल्कि यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टिकट में भौतिकी पढ़ाते हैं. देखना है कि उनके समीकरण को कितनी अहमियत मिल पाती है.

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