पंजाब की आबकारी नीति को चुनौती, आवेदन शुल्क 75 हजार रुपये करने पर सवाल

पंजाब सरकार की 2024-25 की आबकारी नीति को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। ड्रॉ के जरिए अलॉट के लिए आवेदन शुल्क 75000 रुपये करने और इसे नॉन रिफंडेबल बनाने पर याचिका में सवाल उठाया गया है। याचिका पर शुक्रवार को बहस के बाद हाईकोर्ट ने अब सुनवाई 10 अप्रैल तय की है।

मोगा की मैसर्स दर्शन सिंह एंड कंपनी ने याचिका दाखिल करते हुए हाईकोर्ट को बताया कि पंजाब सरकार ने 2024-25 के लिए ठेके ड्रॉ के माध्यम से अलॉट करने का निर्णय लिया है। याची ने बताया कि कुछ साल पहले तक आवेदन शुल्क मात्र 3500 रुपये था, लेकिन इसे अचानक बढ़ाकर 75000 रुपये कर दिया गया है। आवेदन शुल्क को लेकर नियम यह भी तय किया गया है कि यदि अलॉटमेंट नहीं होती है, तो यह राशि वापस नहीं होगी।

याची ने बताया कि सरकार के पास अब तक 35000 के करीब आवेदन आए हैं, जिससे सरकार ने 260 करोड़ रुपये कमा लिए हैं। सरकार की नीति के कारण जिनका ड्रॉ में नाम नहीं आएगा, उनके आवेदन फीस के 75 हजार रुपये डूब जाएंगे। याचिकाकर्ता ने कहा कि आवेदन फीस में बेतहाशा बढ़ोतरी न सिर्फ गलत है, बल्कि न्याय के सिद्धांत के खिलाफ भी है। ऐसे में हाईकोर्ट से अपील की गई है कि सरकार की इस नीति को रद्द किया जाए।

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