कश्मीर में आतंकी ईको सिस्टम पर जोरदार हमला

अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में न सिर्फ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को सख्ती से कुचला गया है, बल्कि आतंकवाद-अलगाववाद से जुड़े पूरे इको सिस्टम पर हमला किया जा रहा है। बीते चार साल में आतंकियों व उनके मददगारों की 150 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क की जा चुकी हैं। बैंक में जमा 122 करोड़ रुपये से अधिक जब्त किए गए हैं।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, आतंकियों को मारने के साथ ही पाकिस्तान से आतंकवाद व अलगाववाद के लिए आ रहे पैसे पर भी नकेल कसी गई है। टेरर फंडिंग के 83 मामले दर्ज करते हुए 229 मददगारों को गिरफ्तार किया गया है जो आतंकवाद में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से मदद कर रहे थे। एनआईए ने 32 व एसआईए ने 51 मामले दर्ज किए हैं। आतंकियों तथा उनके मददगारों से जुड़ी 150 करोड़ से अधिक की 61 संपत्तियां जब्त की गई हैं। 

इन्हें नीलाम करने के लिए कोर्ट में प्रक्रिया शुरू की गई है। जांच एजेंसियों ने दहशतगर्दों व उनके हिमायती लोगों से जुड़े 134 बैंक खातों को सील किया है। इनमें मौजूद 122 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं। इसके साथ ही इन लोगों के पास से साढ़े पांच करोड़ की नकदी भी जब्त की गई है।

पथराव व हड़ताल पर भी कसी नकेल
370 हटने के बाद न केवल आतंकी घटनाओं में कमी आई, बल्कि पथराव, हड़ताल बंद हो गए। सीमा पार से होने वाले घुसपैठ में भी भारी कमी आई है। अमूमन बात-बात पर होने वाले पथराव में शामिल पत्थरबाज अब सड़कों पर नजर नहीं आते हैं। अब पत्थरबाज या तो खेलकूद में जुट गए हैं या फिर कोई कामकाज कर रहे हैं। गृह मंत्री के दौरे के दौरान 2019 के पहले घाटी में बंद का आह्वान किया जाता था, लेकिन अब गृह मंत्री आते हैं और बिना व्यावधान लौट जाते हैं। 

2026 तक आतंकवाद के सफाए की योजना
जम्मू-कश्मीर में स्थायी शांति, पाक प्रायोजित आतंकवाद व उसके इको सिस्टम के समूल नाश के लिए केंद्र सरकार के जीरो टेरर प्लान पर पिछले तीन साल से काम चल रहा है। योजना ऐसी है कि 2026 तक आतंकवाद तथा उसके इको सिस्टम का पूरी तरह सफाया हो जाए।

Back to top button