राजस्थान: हैटट्रिक बनाने के लिए भाजपा कर रही है कमर तोड़ प्रयास, एक साथ कई मोर्चे संभाले

लोकसभा चुनावों में जीत के लिए जहां भाजपा-कांग्रेस एक-दूसरे के खेमे में सेंधमारी कर रहे हैं। वहीं पिछले 2 लोकसभा चुनावों से प्रदेश में शत-प्रतिशत जीत का रिकॉर्ड कायम कर चुकी भाजपा पिछले प्रदर्शन को दोहराने के लिए इस बार भी एक साथ कई रणनीतियों पर काम रही है।

चुनावों की तारीखों की घोषणा के साथ ही भाजपा पूरी तरह एक्टिव मोड में आ गई है। इन लोकसभा चुनावों में हैटट्रिक बनाने के लिए पार्टी कई रणनीतियों पर एक साथ काम करती नजर आ रही है। एक तरफ कांग्रेस के बड़े नेताओं को तोड़कर पार्टी में शामिल किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ भीतरघात से बचने के लिए सुलह-सफाई का काम किया जा रहा है।

जानिये भाजपा की टू डू लिस्ट

  • जिन सीटों पर सांसदों का रिपोर्ट कार्ड कमजोर था, उन्हें बदला जा रहा है। पहली सूची में पार्टी ने 15 नाम घोषित किए, जिनमें से 7 सीटों पर नए चेहरे उतारे हैं।
  • कांग्रेस और अन्य दलों से मजबूत जातीय आधार वाले नेताओं को लाया जा रहा है। इसके अलावा निर्दलियों को राजी रखने के प्रयास भी चल रहे हैं। इसके साथ ही किसी भी तरह की एंटी इन्कम्बेंसी को दूर करने के लिए प्रत्याशी बदलने के निर्णय भी किए गए हैं।
  • मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा लगातार सक्रिय हैं और क्लस्टर्स की बैठकें ले रहे हैं। वहीं दूसरी ओर संगठन के स्तर पर भी टीम काम कर रही है।
  • चुनाव की घोषणा से पहले जोधपुर में विधायक बाबूसिंह राठौड़ पार्टी प्रत्याशी गजेन्द्र सिंह शेखावत के लिए मुसीबत बने दिख रहे थे। वहीं चित्तौडगढ़ में निर्दलीय विधायक चंद्रभान सिंह आक्या के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के लिए संकट दिखाई दे रहा था। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बाबूसिंह और आक्या से मुलाकात बैठक कर मतभेद दूर कराए और पार्टी के लिए राह आसान बनाई।

निर्दलियों को साधने के प्रयास

कुछ सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार भी पार्टी के लिए चुनौती बने हुए हैं। बाड़मेर में निर्दलीय विधायक रवींद्र सिंह भाटी और प्रियंका चौधरी तथा भरतपुर में निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत को मनाना पार्टी के लिए अहम हो चला है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री और अन्य नेता इन निर्दलियों के साथ संपर्क करके इनकी नाराजगी दूर करने में जुटे हैं।

सीएम ने इसके लिए रविवार को निर्दलियों के साथ एक बैठक भी बुलाई थी। सोमवार को सीएम ने रवीन्द्र सिंह भाटी के साथ मुलाकात की और उन्हें भी मनाने का प्रयास किया। मुलाकात के बाद भाटी ने कहा कि वे जनता से बात कर फैसला लेंगे।

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